बिहार में लगावल शरा बन्दी का बाद अब पूरा प्रशासन के एकर कील काँटी सझुरावे में लागल बा. सभकर धेयान एही पर बा कि एकरा के कइसे सफल बनावल जाय. जौ का साथे घुन पिसाला वाला कहावत के सही बनावत ताड़ी के कारोबार से आपन घर गिरस्थी चलावे वाला गरीब पासी समाज का सोझा भूखमरी के अनेसा बन गइल बा. अब सरकार के कहना बा कि निजी इस्तेमाल ला ताड़ी चुआवे पर कवनो रोक नइखे बाकिर एकर खरीद बिक्री आ ढोआई पर पूरा रोक रही. बिहार सरकार पता लगावत बिया कि कइसे नीरा के कारोबार चला के पासी समाज के राहत दिआव आ ओह लोग के कमाई के राह सुगम बनावल जाय.
रात में चुआवल ताड़ के रस नीरा कहाला आ एकरा में कवनो नशा ना होखे. दिन में चुआवल रस ताड़ी कहाला आ एकरा में नशा होला.
ताड़ी के कारोबार पर रोक बा बाकिर घर में बइठ के लोग एकरा के पी सकेला. एहपर रोक नइखे.