
पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आ सरकार चलावत उनुकर गोल तृणमूल का साथे रोजे कुछ ना कुछ अइसन हो जा रहल बा जवना से लागत बा कि अबकी बढ़िया सगुन में उनुकर सरकार नइखे बनल. पहिले त नंदी ग्राम से विधायकी का चुनाव हार गइली, ओह पर से उनुका के हरावे वाला सुवेन्दू अधिकारी के नेता प्रतिपक्ष के पद मिल जाई विधानसभा में. चुनाव बाद हिंसा के जवन दौर चल निकलल ओकरा के तोपल-ढाकल अब उनुका सेवक पत्रकारनो ला कठिन होत जो रहल बा. राज्यपाल से सरकार के पटरी नइखे बइठत आ राज्यपाल संविधान का हिसाब से सरकार चलावे के सलाह आए दिन दे रहल बाड़ें. ओह पर से सीबीआई उनुका दू गो मंत्रियन के गिरफ्तार कर लिहलसि आ ओह गिरफ्तारी का विरोध में उनुका नौटंकी के कवनो फायदा ना मिलल. दूनू मंत्री जमानत ना मिलला का चलते जेल में बाड़ें.
अब आजु सुप्रीम कोर्ट पश्चिम बंगाल सरकार से जबाब मंगले बा कि ऊ जबाब देव कि भाजपा के कार्यकर्तन के हत्या का मामिला के विशेष जाँच काहे ना करवावल जाय. जान जाईं कि मतगणना का दिने भारतीय जनता पार्टी के दू गो कार्यकर्तन के हत्या के विशेष जांच करवावे खातिर अदालत में गोहार लगवले बाड़ें परिवार के लोग.
न्यायमूर्ति विनीत सरन आ न्यायमूर्ति बी आर गवई के अवकाशकालीन खंडपीठ पश्चिम बंगाल सरकार के एह बारे में आपन जबाब दाखिल करे के नोटिस जारी कइले बावे. अगिला हफ्ता मंगल का दिने एकर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होखी.
परिजन अपना गोहार में अदालत से अपना निगरानी में विशेष जांच दल से जांच करावे के निहोरा कइले बाड़ें. गोहार लगावे वालन का तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी पेश भइलें. उनुकर दलील सुनला का बाद खंडपीठ कहलसि कि ऊ एकर एकतरफा सुनवाई ना कर सकसु आ राज्य सरकार से नोटिस के जबाब मिल गइला का बाद आगे के सुनवाई होखी.