मशहूर हिन्दी साहित्यकार आ आलोचक रहल बँवारा राह के राही नामवर सिंह के काल्हु रात 92 बरीस के उमिर में गंगालाभ हो गइल.

एने कई दिन से ऊ बीमार रहलें आ दिल्ली एम्स में इलाज खातिर भरती रहलन. ओहिजे उनुकर मोत हो गइल.

28 जुलाई 1926 का दिने बनारस के एगो गाँव में जनमल नामवर सिंह के आखिरी संस्कार आजुए दिल्ली में करावल जाई.

बँवारा राही रहला का चलते भाकपा का टिकट पर साल 1959 के लोकसभा चुनाव ऊ चन्दौली से लड़ले रहलें बाकिर हार गइल रहलन. बाद में ऊ कुख्यात बँवारा विश्वविद्यालय जेएनयू में भारतीय भाषा केन्द्र के पहिलका अध्यक्ष बनलें.

उनुकर दर्जनो किताब छपली सँ जवना में कविता के नए प्रतिमान, छायावाद, दूसरी परम्परा की खोज वगैरह रहली सँ. साहित्य आलोचना के चलते बरीस 1971 में उनुका साहित्य अकादमी के पुरस्कार मिलल रहुवे.

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