अपना जिलेबिया दिमाग आ राजलीटी में कुश्ती के दांवपेंच में माहिर मानल जाये वाला मुलायम जतना मुलायमियत से अपना बेटा से हार जाये वाला कुश्ती लड़लन ओकरा से सवाल उठत बा कि कहीं ई उनुकर सोचल समुझल चाल त ना रहुवे!

बेटा के मुख्यमंत्री बनवा दीहल आसान रहुवे बाकिर गोल के कमान सउंपल मुश्किल रहल। अब अपना जिलेबिया राजनीतिक दांव से सपा गोल के सगरी मालिकान बहुते आसानी से अपना बेटा का हाथे लगवा दिहलन मुलायम सिंह यादव। गचका खा के गड़हा में गिरे के ईनाम मिलल बा शिवपाल सिंह यादव के। लगले हाथ पांच बरीस के सगरी गलत काम बिना नाम लिहले उनुके कपारे डला गइल बा। बेटा विकास वाला हो गइल आ गुंडागर्दी भठियरपन भाई का चलते।

अब देखे जोग रही कि अपना के धोखा देबेवाला भतीजा साथे कवन खेल खेलत बाड़न चाचा। जानकारन के कहना बा कि शिवपाल के कोशिश रही कि अखिलेश के ऊ धोबिया पछाड़ दीं कि भर जिनिगी याद रहो।

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कुछ त कहीं......

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