मायावती सरकार का शासन में खुलल लखनऊ के मान्यवर कांशीराम उर्दू, अरबी, फारसी विश्वविद्यालय के नाम बदले के सपा सरकार तय कर लिहले बिया. बस अतने तय नइखे कि बदल के केकरा नाम पर राखल जाव. विश्वविद्यालय से सुझाव मिलल बा कि एकरा के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती, अल्लामा इकाबाल, भा मौलाना अबुल कलाम आजाद के नाम पर राख दिहल जाव.
एह बीच सरकार लखनऊ विश्वविद्यालयो के नाम मुख्यमंत्री रहल चंद्रभानु गुप्ता के नाम पर राखे के सोचत बिया.