भोजपुरिका का ओर से अनऽत (अनंत चतुर्दशी) के बहुत-बहुत शुभकामना.
आजुए के दिन अनंत भगवान के पूजा कइके अनऽत (अनंत सूत्र) बान्हल जाला जवन हर संकट से रक्षा करेला.मान्यता बा कि जब पांडव जुआ में आपन मए राज-पाट हारि गइले तब प्रतिज्ञानुसार ऊहन लोग के बारह बरिस के वनवास भोगेके परल.जब ऊ लोग जंगल में बहुत कष्ट भोगे लगलन, तब भगवान श्रीकृष्ण ओह लोगन के अनंत चतुर्दशी के व्रत करेके कहले रहन.अनंत नाम भगवान विष्णु के हटे.धर्मराज युधिष्ठिर अपना सभे भाई आ द्रौपदी का सङे पूरा विधि-विधान से ई व्रत कइलन आ अनंत सूत्र बन्हले.अनन्त चतुर्दशी व्रत का प्रभाव से पांडव लोग के सभ संकट खतम हो गइल.
भोजपुरी क्षेत्र में कथा का बाद के तर्पण आ मार्जन बड़ा रोचक हो जाला.
का हिंड़ोरऽतारऽ ?
क्षीर समुद्दर .
का ढूँढ़ऽतारऽ ?
अनतफल .
पवल ?
सुफल करऽ. (मार्जन)