त हम का करीं
आचार्य अंबिका दत्त त्रिपाठी ‘व्यास’ हम जनम भर केहू के मनावत रहीं,केहू माने न माने त हम का करीं,आसरा में उमरिया बितावत रहीं,केहू जाने न जाने त हम का करीं.…
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आचार्य अंबिका दत्त त्रिपाठी ‘व्यास’ हम जनम भर केहू के मनावत रहीं,केहू माने न माने त हम का करीं,आसरा में उमरिया बितावत रहीं,केहू जाने न जाने त हम का करीं.…