हर तरह के कला प्रस्तुति, परफार्मिंग आर्ट्स, के बढ़ावा देबे खातिर १९७३ में (स्व॰) आदित्य विक्रम बिड़ला एगो संस्था “संगीत कला केन्द्र” के स्थापन कइले रहन. तब से ई संस्था कला के विकास आ सम्मान में लागल बा. साल १९९६ में संगीत कला केन्द्र अपना संस्थापक के स्मृति अक्षुण्ण राखे खातिर “आदित्य विक्रम बिड़ला कलाशिखर पुरस्कार” देबे के शुरुआत कइलस. एह पुरस्कार में दू लाख रुपया नकद, एगो स्मृति फलक, आ प्रशस्ति पत्र दिहल जाले अबकी साल २०१० के पुरस्कार भारतीय रंगमंच के क्षेत्र में सक्रिय केहू वरीय, जीवित, आ प्रतिष्ठित कलाकार के दिहल जाई.
साथ ही दू गो नवहियनो के “आदित्य बिड़ला कलाकिरण पुरस्कार” से सम्मानित कइल जाई. ह नवका कलाकारन के उमिर २५ साल से ४० साल का बीच के होखे के चाहीं आ जिनकर भविष्य उज्जवल होखे. एह में प्रशस्ति पत्र, स्मृति फलक, का साथ पचास हजार रुपया के नकद पुरस्कार दिहल जाई.
अबले जिन लोगन के ई पुरस्कार दिहल गइल बा ओहमें लता मंगेशकर, एम एफ हुसेन, गुरु केलूचरणमहापात्रा, पंडित रामनारायण, पंडित भीमसेन जोशी, हबीब तनवीर, शंखो चौधरी, तेजन बाई आ जीव सोमा माशे के संयुक्त रुप से, पुरुषोत्तम दास जलोटा, गंगूबाई हंगल, के॰जी॰सुब्रह्मण्यम, मृणालिनी साराभाई, पंडित विजय राघव राव, आ पंडित जसराज के नाम बा.
पुरस्कार खातिर नामांकन पत्र आ बेसी जानकारी संगीतकला केन्द्र से लिहल जा सकेला.