मोबाइल पर हमला : एक सुनियोजित षडयन्त्र

आजकल देश विरोधी गतिविधियाँ कई तरीके से और कई मोर्चों पर चलायी जा रही हैं. आये दिन मोबाइल से हो रहे ठगी और अपराध को महज कानून व्यवस्था की समस्या के रूप में देखना हम लोगों की ही नहीं प्रशासन और सरकार की भी गलती है.

हालात इतने बिगड़ गये हैं कि आम आदमी, आ आ पा वाला आम आदमी नहीं, जल्दी अपना मोबाइल फोन नहीं उठाता अगर उस पर दिखने वाला नम्बर अपरिचित है. का जाने किस वेष में रावण मिल जाये मारीच की तरह.

व्हाट्सअप से आने वाले कॉल्स और खतरनाक हो गये हैं. बीच रात में अचानक आपके मोबाइल की घंटी बजती है. किसी का वीडियो कॉल है. आप अर्धनिद्रा की स्थिति में कॉल स्वीकार कर लेते हैं और तभी अचानक एक नंगी महिला आपके सामने होती है. जब तक आप हालात समझे या सचेत हों तब तक आपकी तस्वीर ली जा चुकी रहती है और फिर शुरु हो जाता है भयादोहन का कारोबार.

आपके मोबाइल पर एक मैसेज आता है कि आपका डाक आपको नहीं दिया जा पा रहा क्योंकि आपका पता गलत है. आप यह नहीं सोचते कि अगर पता गलत है तो आपका मोबाइल नम्बर कैसे मिल गया इस शख्स को. और अपना पता प्रमाणित करने लग जाते हैं.

आपको फोन करने वाला बताता है कि वह कस्टम से बोल रहा है और आपके द्वारा भेजे गये पैकेट में नशीली वस्तुयें मिली हैं. आप सफाई देने लगते हैं और तब आपसे आपका प्रमाणित पहचान पत्र मांगा जाता है. अगर आपने दे दिया तो आपका काम तमाम होने की प्रक्रिया शुरु हो जाती है.

अचानक रात को आठ बजे आपको मैसेज मिलता है कि आपने अपना बिजली का बिल या गैस का बिल जमा नहीँ किया है और आधे घंटे में आपका कनेक्शन काट दिया जायेगा. आप यह नहीं सोचते कि विभाग कब से इतना सक्रिय हो गया कि आपको चेतावनी दे रहा है. आप फिर बताने लग जाते हैँ कि आपने तो अपना बिल चुका दिया है. आपसे आपके बैंक का पासबुक या स्टेटमेंट स्कैन करके भेजने को कहा जाता है और आप कर देते हैं. हो गया बरबादी का जश्न शुरु.

सरकार को चाहिये कि इस समस्या को महज कानून व्यवस्था की समस्या नहीं मान कर देश के विरुद्ध षडयन्त्र माना जाय. इन अपराधियों को देश विरोधी गतिविधियों के लिये बने कानून के तहत सजा दिलाई जाय.

आपके वश में बस इतना ही है कि अपरिचित नम्बर से आनेवाले कॉल स्वीकार नहीं करें. व्हाट्सअप कॉल्स तो बिलकुल नहीं अगर आप कॉल करने वाले को पहचानते नहीं. अगर आपका कोई परिचित आपसे कोई सहायता मांग रहा है, मुसीबत में पड़ा बता कर कुछ रुपये मांग रहा हो तो कतई नहीं भेजें. पहले उस आदमी को स्वंय फोन कर के पूछें. उसके परिवार के किसी व्यक्ति का नंबर अगर आपके पास हो तो उससे पूछ लीजिये. स्वंय दुखी होने से अच्छा है कि सामने वाला दुखी हो रहा हो तो हो.

हाल के दिनों में इजरायल ने अपने दुश्मनों के पेजर वगैरह पर हमला कर के दिखा दिया है कि युद्ध कई तरीकों से लड़ा जा सकता है. भारत की यूपीआई प्रणाली से दुनिया के कई देश परेशान हैं. उनकी चेष्टा है कि किसी तरह भारत की मोबाइल प्रणाली, यूपीआई प्रणाली, और बैंकिंग प्रणाली पर से आम आदमी का विश्वास हटा दिया जाय. और इस युद्ध के विरुद्ध हम सबको अपने अपने हिस्से की लड़ाई लड़नी होगी. सरकार तो पता नहीं कब जगेगी. पर आप जाग जाईये.

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