भारत सरकार शुक का दिने सुप्रीम कोर्ट से कहलसि कि आसाम के मतदाता सूची से चालीस लाख संदिग्ध वोटरन के नाम निकालल संभव नइखे. काहे कि कानून आ संविधान एकर इजाजत ना देव कि भाषा भा मजहब का आधार पर एह तरह के फैसला लिहल जाव. एगो एनजीओ के आरोप बा कि आसाम में नाहियो त चालीस लाख बंगाली मुसलमान घुसपैठियन के नाम गलत तरीका से मतदाता सूची में लिहल गइल बा.