– ओ. पी. सिंह
समुझ में नइखे आवत कि अब एह देश के राजनीति कइसे चली. अबहीं ले देश के हिन्दूवन के आ हिन्दुत्व के राजनीति करे वाला जनसंघ-भाजपा में किलर इंस्टिंक्ट ना रहला का चलते सेकुलर गिरोह एह लोग के प्यार से जिबहत रहलें आ ई लोग ओकरा के बरदाश्त करत रहुवे. सेकुलर गिरोह के दाँवपेंच देश के अदालतो सीख लिहली सँ. छह बरीस के लड़िका सरेआम गड़ाँसा ले के बकरी जिबह कर सकेला, बाकिर जन्माष्टमी का दिने नारियल से दही हाँड़ी ना फोड़ सके. दिन में पाँच बेर लाउडस्पीकर चला के अपना लोगन के बोलावल जा सकेला बाकि काँवर ले जात में भजन कीर्तन ना बजावल जा सके. मूर्ति भसान ला तरह तरह के कायदा कानून बनावल गिनावल जा सकेला बाकिर उनुकर जुलुस बेरोकटोक निकले के चाहीं. दिन दुपहरिया भरल चौराहा प कवनो हिन्दू नेता के गतर-गतर काट के मुआ दिहला प कवनो आवाज ना निकले बाकिर एकाधो गो दोसर हत्या हो गइल त आसमान मूड़ी प उठा लीहल जाई.
ई सभकुछ अबहीं ले निर्बाध होत आइल बा बाकिर अब एह प विरोध होखे लागल बा. मोदी शाह के जोड़ी अब खुलेआम झटका वाली राजनीति करे लागल बिया. नोटबन्दी आ करिया कमाई प लगातार होखत चोट का बादो केहू तरह लुका छिपा के दस बीस करोड़ नकदी राखे वालन के परेशान कइल जा रहल बा. आखिर नकदी ना रही त राजनीति कइसे चली. सभकुछ पाक साफ होखे लागी त करप्ट राजनीति सेकुलरिज्म का नाम प गिरोहबन्दी कइसे करि पाई. भाजपा में पहिले कुछ शराफत रहुवे आ नियम कायदा के राजनीति करे में ओकर विश्वास रहत रहुवे. बाकिर जब से मोदी आ शाह के जोड़ी भाजपा का माथ प बइठल बा तबसे एहनी के कवनो कायदा नइखे रहि गइल. चुनाव में कम सीट जीतला का बादो ई जोड़ी आराम से आपन सरकार बनवा लेत बावे. बिहार में महागठबन्हन के मिलल जीत के तहस नहस क के आपन सरकार बनवा लिहलसि ई जोड़ी. सुने में आवत बा कि दूचार दिन भितरे तमिलनाडुओ में अन्नाडीएमके भाजपा का साथे हाथ मिलावे वाली बा.
पहिले कोढ़िया डेरावे थूक से वाला अन्दाज में भाजपा के अनटचेबुल बना दीहल रहुवे बाकिर अब ईहो फार्मूला काम नइखे कर पावत. लोग शान से भाजपा के हाथ ध लेत बा आ सेकुलर गिरोह देखते रहि जात बा. चिटफंड के धन से सेकुलर राजनीति करे वालन के कवनो दिक्कत ना होत रहुवे बाकिर अब बेटो भतीजा के नाम प करप्शन करे में दिक्कत हो गइल बा. पता ना एह माहौल में माटी-मानुष के राजनीति कइसे आगा चली. मोदी शाह के जोड़ी केन्द्र जीतलसि, अठारह गो राज्य में ओकर सरकार बा, राष्ट्रपति ओकर, लोकसभा स्पीकर ओकर, उपराष्ट्रपतिओ ओकरे होखे जात बा आ राज्यसभा के चेयरमैनिओ तब ओकरे हो जाई. एकरा बावजूद राज्यसभा के एगो सीट ला अइसन घेराबन्दी कइल जा रहल बा.
हद त ई हो गइल बा कि अब मीडियो में एह लोग के पक्षधर हो गइल बाड़ें. सोनिया गाँधी के नाम लेबे के हाल फिलहाल ले कवनो एंकर के बेवत ना रहुवे बाकिर अब खुलेआम उनुकर नाम ले के उनुका प सवाल उठावल जाए लागल बा. सोशल मीडिया अबहीं ले मेनस्ट्रीम मीडिया (एमएसएम) प सवाल उठावत रहल. अब एमएसएमों में दू फाँक हो गइल बा. उफर पड़ो रिपब्लिक टीवी वाला अरनब के जे लुटीयन मीडिया कहि कहि के लूट का धन प पलात पोसात मीडिया के लगंटा-उघार करे में लाग गइल बा. समय आ गइल बा कि देश में करप्शन के राजनीति करे वाला आपन आपसी झगड़ा छोड़ि के एकजुट होखसु आ मोदी शाह के अश्वमेधी घोड़ा के लगाम थाम लेसु. ना त बाद में केहु कफनो ओढ़ावे वाला ना रहि जाई.
(6 अगस्त 2017 तारीख के समाज्ञा अखबार में अँजोर भइल)