जिस आँगन ना होय बिटिया

भोजपुरिया टीवी चैनल महुआ टीवी हमेशा से एह कोशिश में रहल बा कि दर्शकन के स्वस्थ मनोरंजन परोसल जाव. आ एकरा साथही महुआ हमेशा से सामाजिक कुरीतियन का खिलाफ मुहिम चलवले बा. एही कड़ी में पिछला दू मई से रात साढ़े सात बजे से धारावाहिक “जिस आँगन ना होय बिटिया” के प्रसारण शुरु भइल बा जवना में समाज में औरतन के हालात पर ध्यान केन्द्रित कइल गइल बा.

एगो ठाकुर परिवार के कहानी वाली एह धारावाहिक में ठाकुर के मौत का बाद ठकुराइन के आधिपत्य आ हुकूमत चले लागत बा जवना के गाज गिरत बा तीन बेटन में सबले छोटका के पत्नी यशोदा पर. यशोदा पेशा से एडवोकेट बाड़ी आ उनुकर तीनो संतान लड़िकिये भइल बा जवना चलते उनुका के घर से निकाल दिहल जात बा. यशोदा घर छोड़ के अपना सहेली का लगे शहर चल जात बाड़ी आ अपना तीनो लड़िकियन के बढ़िया से पढ़ा लिखा के बढ़िया आफिसर बनवा देत बाड़ी. बाद में उहे लड़िकी सब ठाकुर के बेटन के रक्षा करत बाड़ी स.

यशोदा के चुनौतीपुर्ण भूमिका काजल सिंह कइले बाड़ी. बाकी कलाकारन में एहसान खान, करण आनन्द, गिरीश शर्मा, सुनीता शर्मा, करण मिश्रा, चन्द्र मोहन, पुनीता अवस्थी, शिल्पा शु्कला आ रेशमी घोष के नाम बा. धारावाहिक के निर्माण सगुन सिंघल गर्ग कइले बाड़न आ निर्देशक बाड़े तारीक खान.

एह धारावाहिक के प्रसारण हर सोमार से शुक ले रात साढ़े सात बजे से कइल जा रहल बा.


(स्रोत – प्रशान्त निशान्त)


संपादक के टिप्पणी : पता ना ई धारावाहिक हिन्दी में बा कि भोजपुरी में. महुआ टीवी के शुरुआत त भइल रहे भोजपुरी के टीवी चैनल का रुप में बाकिर शायद हिन्दी धारावाहिकन का माध्यम से बड़हन दर्शक समुदाय बिटोरे का फेर में महुआ टीवी के संचालक आपन मूल तत्व बिसरा दिहले बाड़न. पाठक वर्ग से आग्रह बा कि अगर गलतफहमी में हम कवनो हिन्दी धारावाहिक के जिक्र करत होखी त हमरा के चेता देव लोग. अँजोरिया हिन्दी विरोधी ना हिय बाकिर अगर हिन्दी के मोह ना छूटी त भोजपुरी से नेह ना लाग पाई. हिन्दी चैनलन के कमी नइखे. कमी बा त भोजपुरी चैनल के आ अँजोरिया शुरूवे से महुआ टीवी के समर्थन देत आइल बा एह हद तक कि बहुते पाठक गलतफहमी में एहिजा अनुरोध कर जालन कि उनुका के महुआ टीवी के कार्यक्रम में मौका दिहल जाव. कई बेर कहला बतवला का बादो ई गलतफहमी जड़ से खतम नइखे होत. उमेद करत बानी कि महुआ के कार्यक्रम से जुड़े के निहोरा अँजोरिया पर ना कइल जाई.

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