बहुत दुखद समाचार बा कि पत्रकारिता का सङहीं भोजपुरी के ‘साहित्य का इतिहास’ आ ‘शब्दकोश’ जइसन बहुमूल्य उपहार भोजपुरी के देबेवाला आ लगातार समर्पित भाव से भोजपुरी में लेखन करेवाला डॉ. अर्जुन तिवारी के आजु कलम टूटि गइल, आ अब ऊ फेरु कबो ना उठी.
कुछे दिन पहिले उहाँ के धर्मपत्नी गुजरल रहीं. ओही घरी उहाँ से हमार बात भइल रहे. ‘सँझवत’ खातिर त उहाँका हरमेसे तैयार रहत रहीं. उहाँ से हमनी के अभी बहुत उमेदि रहे बाकिर बिधना पर केकर बस चलल बा. भोजपुरी के त ई बहुत बरियार क्षति बा, एकर भरपाई ना हो पाई.
डॉ. अर्जुन तिवारी के सादर नमन आ विनम्र श्रद्धांजलि.
- रामरक्षा मिश्र विमल