भोजपुरी गीत नवगीत के बरियार हस्ताक्षर सुप्रसिद्ध साहित्यकार सतीश प्रसाद सिन्हा जी के निधन के खबर पा के मन बहुते दुखी हो गइल.
सतीश प्रसाद सिन्हा जी के जनम 1 जून 1938 के आरा, भोजपुर में भइल रहे. पटना उच्च न्यायालय में सचिव के पद प रहनी. भोजपुरी आ हिंदी में लगातार लिखत रहनी.
अपना प्रिय साहित्यकार के लोर भरल श्रद्धांजलि देत परोस रहल बानी सतीश जी के लिखल कविता. ई उहाँ के भेज पइतीं ओकरा पहिलहीं उहाँ के जिनिगी से हरला के खबर पा के मन टूट गइल.
- रामरक्षा मिश्र विमल
गीत लिखीं
- सतीश प्रसाद सिन्हा
गीत लिखीं, नवगीत लिखीं
हारल मन में जीत लिखीं.
जे हतियारा
हतिया कइ के छूट गइल
जे तिरिया के
बेशरमी से लूट गइल
ओकर करिया करनी
करूआ तीत लिखीं.
घर कतना हर साल
बाढ़ में डूब गइल
राहत के चरचा
कागज पर खूब भइल.
लिखीं आजु सभ,
पीड़ा भरल अतीत लिखीं.
केहू के बा चिंता
अपना गद्दी के
पागल केहू
भाषाई चउहद्दी के.
जात-धरम के केहू
रोटी सेंक रहल
सीधा जन पर केहू
फंदा फेंक रहल.
राजनीति के कुटिल
नीति के रीत लिखीं.
डेग-डेग पर
आतंकी बारूद छिपल
राहगीर के मउअत के
सामान बिछल
सभकर जिनिगी आजु
भइल विपरीत लिखीं.
- कुसुमांचल, अंबेदकर पथ, बेली रोड, पटना- 800014
(सँझवत पत्रिका के अंक 7 से)