एकरा के हटावल बहुते जरुरी हो गइल बा : बतंगड़ – 80

– ओ. पी. सिंह एह घरी देश में एकही बात सुनाई देत बा – एकरा के हटावल बहुते जरुरी हो गइल बा. अगर कहीं ई पाँच बरीस अउर रहि गइल…

बाति निकलब त बाति बहुते आगा ले जाई ! बतंगड़ – 79

– ओ. पी. सिंह सबसे पहिले त रउरा सभे के रामनवमी के हार्दिक बधाई आ शुभकामना. बहुते सौभाग्य से अइसन मौका मिलल बा कि अतवार का दिने अपना बतंगड़ में…

तोहरा से राजी ना ए बलमुआ, तोहरा से राजी ना – बतंगड़ 78

– ओ. पी. सिंह फगुआ बीत गइल बा आ अब चइत चलत बा. परम्परा का हिसाब से चइत में फगुआ ना गआव बाकिर मौका प एह ले बढ़िया कवनो लाइन…

नानी का अँचरा में लुका गइल बबुआ – बतंगड़ 76

– ओ. पी. सिंह लईकाईं में सुनल एगो कविता दोहरावल आजु प्रासंगिक लागऽता – नानी कीहाँ जाएब, पुअवा पकाएब, नानी कही बतिया रे, आइल हमार नतिया रे. फगुआ से ठीक…

जोगीरा सारा रा रा – बतंगड़ 75

– ओ. पी. सिंह चार दिन बाद फगुआ मनावल जाई. कुछ बदलल संस्कार, कुछ सेकूलरी, कुछ पर्याबरनियन के चीत्कार. सभ मिला के माहौल अइसन बनि गइल बा कि अबहीं ले…

चोर मचवलें शोर – बतंगड़ 74

– ओ. पी. सिंह देश के बैंकिंग क्षेत्र में मिलल घोटाला का बाद कांग्रेसी गोल चहके लागल बाड़ें. एह लोग के तर्क बा कि जेकरा राज में घोटाला धराइल, घोटाला…

ढील देके चना के झाड़ प चढ़ावल – बतंगड़ 73

– ओ. पी. सिंह एह घरी देश के सगरी खुरचाली एकजुट होखे लागल बाड़ें काहें कि ओहनी के मालूम हो गइल बा कि अगर एकवटब सँ ना त बिला जाए…

आपन धियवा नीमन रहीत त बिरान पारित गारी ! – बतंगड़ 70

– ओ. पी. सिंह शुक का दिने जवन भइल तवन होखल ना चाहत रहुवे. सुप्रीम कोर्ट के पचीस गो में से चार गो जज कायदा का खिलाफ जा के बाकायदा…

भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशा अल्ला, इंशा अल्ला ! – बतंगड़ 69

– ओ. पी. सिंह भारत के देशद्रोहियन के गढ़ बन चुकल जेएनयू से शुरु भइल नारा – भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशा अल्ला, इंशा अल्ला – के आवाज बँवारा गिरोहन…

वोट बैंकिंग अमर रहे ! – बतंगड़ 68

– ओ. पी. सिंह पिछला हफ्ता ऊ बाति हो गइल जवन कबो होखे के सोचलो बड़ बाति लागत रहुवे. तीन तिलाक प मोदी सरकार आपन विधेयक बिना कवनो बवाल लाकसभा…

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