महामहिम, राउर बतिया हमरा से बरदाश्त नइखे होत : बतंगड़ – 29

- ओ. पी. सिंह महामहिम राष्ट्रपति जी, राउर बतिया हमरा से बरदाश्त नइखे होखत. अब रउए बता दीं कि हम कहाँ जाईं. कोच्चि मे 2 मार्च के दीहल राउर उद्बोधन…

अबीर कहाँ गिरल, पता चलल कि थरिए में : बतंगड़ – 28

- ओ. पी. सिंह जे सुधरल बा ऊ त चुपाइल बा बाकिर जेकरा अपना मरजी का खिलाफ सुधरे के पड़ल बा ओकर पीड़ा उहे बता सकेला जे भोगत बा भा…

दुअरा सवतिया के पिया के बरतिया : बतंगड़ – 27

- ओ. पी. सिंह दुअरा सवतिया के पिया के बरतिया, देखि देखि फाटे रामा पथरो के छतिया. जिनिगी के जरेला सिंगार, दइबा दगा कइलें. एह घरी स्मार्टफोन के जमाना बा…

गद्दारी का बहाने बतंगड़ चिन्तन (बतंगड़ – 6)

- ओ. पी. सिंह एह घरी गद्दारी चरचा में बा आ कुछ लोग एकरा के आपन मौलिक अधिकार बतावे लागल बा. अइसनका लोग पाकिस्तान का हित में बतियावल आपन शान…

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