लोक कवि अब गाते नहीं – आखिरी कड़ी
(दयानंद पाण्डेय के लिखल आ प्रकाशित हिन्दी उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद) बीसवाँ कड़ी में भोजपुरी के दुर्दशा पर लोक कवि के दुख पढ़ले रहीं अब पढ़ीं एह उपन्यास के आखिरी…
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(दयानंद पाण्डेय के लिखल आ प्रकाशित हिन्दी उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद) बीसवाँ कड़ी में भोजपुरी के दुर्दशा पर लोक कवि के दुख पढ़ले रहीं अब पढ़ीं एह उपन्यास के आखिरी…
(दयानंद पाण्डेय के लिखल आ प्रकाशित हिन्दी उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद) अनइसवाँ कड़ी में वकील साहब का फेर मे फँसल ठकुराइन आ धारा ६०४ वाला किस्सा पढ़ले रहीं. अब ओकरा…
(दयानंद पाण्डेय के लिखल आ प्रकाशित हिन्दी उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद) अठरहवाँ कड़ी में रउरा पढ़नी कि कइसे मीनू अपना भतार से झगड़ा क के लोक कवि के लगे रखैल…
(दयानंद पाण्डेय के लिखल आ प्रकाशित हिन्दी उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद) सोरहवाँ कड़ी में रउरा पढ़ले रहीं कि कइसे आपन दलाली वसूले का फेर में गणेश तिवारी अपने पट्टीदार फौजी…
(दयानंद पाण्डेय के लिखल आ प्रकाशित हिन्दी उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद) पन्दरहवाँ कड़ी में रउरा पढ़ले रहीं कि कइसे गणेश तिवारी झूठ के साँच आ साँच के झूठ बनावे का…
(दयानंद पाण्डेय के लिखल आ प्रकाशित हिन्दी उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद) चउदहवाँ कड़ी में रउरा पढ़ले रहीं कि गोपाल पंडित के बेटी के बिआह खातिर लोक कवि रुपिया त दे…
(दयानंद पाण्डेय के लिखल आ प्रकाशित हिन्दी उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद) तेरहवाँ कड़ी में रउरा पढ़ले रहीं कि कइसे लोक कवि के भतीजा एड्स के शिकार हो गइल रहुवे. रोजी…
(दयानंद पाण्डेय के लिखल आ प्रकाशित हिन्दी उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद) बारहवाँ कड़ी में रउरा पढ़ले रहीं त्रिपाठी जी के चरचा आ इहो कि लोक कवि कइसे घबड़इले जब पता…
(दयानंद पाण्डेय के लिखल आ प्रकाशित हिन्दी उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद) एगरहवाँ कड़ी में रउरा पढ़ले रहीं गाँवे से लवटि के लखनऊ चहँपलो पर लोक कवि के शानदार स्वागत भइल.…
(दयानंद पाण्डेय के लिखल आ प्रकाशित हिन्दी उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद) दसवीं कड़ी में रउरा पढ़ले रहीं सम्मान मिलला बाद अपना गाँवे चहुँपल लोक कवि के एगो पंडित के कहल…