पिछला 19 आ 20 सितंबर का दिने भोपाल नें मध्यप्रदेश भोजपुरी साहित्य अकादमी का तरफ से एगो साहित्यिक गोष्ठी के आयोजन भइल.
पहिला दिन पहिल सत्र में भोजपुरी कहानी पाठ भइल. एमें कन्हैया सिंह सदय, प्रेमशीला शुक्ल, भगवती प्रसाद द्विवेदी, विष्णुदेव तिवारी, प्रकाश उदय, अजय ओझा, आ तुषारकान्त उपाध्याय आपन कहानी के पाठ कइलें.
भोजन का बाद दुसरका सत्र ‘भोजपुरी कहानी के समकालीनता’ विषय पर परिचर्चा गोष्ठी क राखल रहे. एह विमर्श मे़ं कन्हैया सिंह सदय (जमशेदपुर), इन्द्रदेव नारायण सिंह (पटना), अरूणेश शुक्ल (भोपाल), बलभद्र (कोडरमा), प्रकाश उदय (वाराणसी) अउर सदानंद शाही (वर्धा) आधिकारिक वक्ता रहल लोग. साथही एह विमर्श में डा. अशोक द्विवेदी, प्रेमशीला शुक्ल, विष्णुदेव तिवारी, भगवती प्रसाद द्विवेदी, आशुतोष मिश्र वगैरहो लोग आपन विचार व्यक्त कइल. एह सत्र के शुरूआत अशोक द्विवेदी के हालहीं छपल उपन्यास ‘बनचरी’ का विमोचन का साथे भइल, जवन भोजपुरी कथाकारन का सहभागिता में अकादमी सचिव नवल शुक्ल संयोजित कइलन.
अगिला दिने 20 सितम्बर के ‘भोजपुरी-हिन्दी कहानियन के अंतर्संबन्ध’ विषय पर परिचर्चा गोष्ठी के अध्यक्षता “पाती” पत्रिका के संपादक, वरिष्ठ कवि, कथाकार आ आलोचक डा. अशोक द्विवेदी कइलन. उनका विषय प्रवर्तन का बाद वक्ता लोगन में जनार्दन सिंह, भगवती प्रसाद द्विवेदी, आशुतोष मिश्र(सागर), सुधीर रंजन सिंह (भोपाल) रहलन. हस्तक्षेप में उहवां उपस्थित कहानीकार आ संपादक लोग रहे, जवना में आसिफ रोहतासवी, प्रेमशीला शुक्ल, प्रकाश उदय, बलभद्र, विष्णुदेव आदि लोग रहे.
संचालन आशुतोष मिश्र कइलन आ अकादमी सचिव नवल शुक्ल अंत में आभार व्यक्त कइलन.