मारि देब गोली, केहू ना बोली ! – बतंगड़ 71


– ओ. पी. सिंह

खबरदार, जे एह देश में भारत माता के जयकारा लगवल त ठीक ना होखी. मार देब गोली आ केहू ना बोली ! काहे कि गोली मारे से पहिले पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारा लगा देब आ एह नारा का बाद ना त कवनो राजनीतिक गोल बोली, ना कवनो मीडिया, ना अदालत, ना कोर्ट कचहरी वाला. सभे अनजान बन जाई हमरा मजहब से. हमरा के शान्तिदूत, भटकल नौजवान, असामाजिक तत्व आ पता ना अउर कवना-कवना नाम से बोलावल जाई. बाकिर केहू क हिम्मत ना होखी कि हमरा मजहब के नाम ले लेव. देश में मोदी के सरकार बा त रहो, ओह से हमरा सेहत पर कवनो असर नइखे पड़े जात. भाजपा के चाहे कतनो बदनाम कर लीहल जाव कि ऊ हिन्दूवादियन के गोल हा, बाकिर ऊ अपना सेकूलर बेवहार से परे ना जा पाई आ अपना के सेकूलर कहे वालन के लाख फिरकावाराना हरकत का बावजूद ओहनी के केहू कमूनल ना कहि सके.

कुछ दिन पहिले एगो स्कूल बस प अनेरियन का पथराव का तुरते बाद मीडिया के कुकुरन के पता चलि गइल कि ऊ हिन्दू आ हिन्दुओ में राजपूत हउवन स आ ओकरा बाद चैनलन का पैनलन प होखत कुकुर बझाँव मे चिचिया-चियिया के फ्रींज का खिलाफ बोले वालन के हमरा सामने आवते ठकुआ मारि दी. ऊ बताइए ना सकीहें कि हम कवना कौम के हईं आ कतना नमकहरामन में से हईं. खाएब हिन्दुस्तान के आ गाएब पाकिस्तान के. केरल, कश्मीर, कर्नाटक, बंगाल में जब मन करे तब कवनो हिन्दू के हलाल कर सकीलें बाकिर का मजाल जे कवनो चैनल भा सरकार हमहन प सवाल उठा सके. देश के सगरी गोल हिन्दुवन के एही चलते अतग-अलग गुटन में तूड़े में लागल बाड़ें कि देश के अकलियत के कवनो दिक्कत परेशानी मत होखे.

अउर त अउर, कश्मीर सरकार में शामिल भाजपो हमनी के सगरी कुकर्म माफ क के हमहन के सरकारी नौकरी, वजीफा, लाखों के अनुदान आ पता ना अउरिओ का का देबे में लागल बिया. चरखाना वाला गमछा पहिर के इफ्तार के भोज खाए वाला देश के गृहमंत्रीओ हमनी प ओतने मेहरबान हो जइहें जतना कवनो कांग्रेसी हो सकत रहुवे. हमहन के दुनु हाथ में लड्डू बा. अब देख लीं बंगाल में सरकार चलावे वाला गोल हमहन से हिन्दू लइकियन के बिआह करावत बाड़ें त कर्नाटक सरकार हमहन पर से फिरकावाराना अपराधन वाला मुकदमा हटा लेबे के एलान कइले बाड़ें. महाराष्ट्र के आजाद मैदान में शहीद ज्योति के लाति से मार के तूड़ दीहला का बावजूद ओकरा प कवनो एक्शन ना लीहल जा सकल. बरीसन से हिन्दुवन के भगवान राम के फाटल चादर का ओट में रहे के पड़त बा आ अदालत का लगे समय नइखे कि ओकर सुनवाई करि सको. अगर किनहू जाना सुनवाई करे के कोशिश करीहें त उनुका खिलाफ महाभियोग ले आवे के सरंजाम होखे लागी.

पता ना तोहनी के बुझाला कि ना कि जब-जब बबुआजी विदेशे जालन त ओहिजा से लवटते देश में कवनो ना कवनो नया बखेड़ा खड़ा हो जाला. हर बेर उनुका के सीखा-पढ़ा के भेजल जाला. अफसोस कि मरदा का लगे दिमागे नइखे आ कुछुए दिन में ओकरा के फेरु से सिखावे-पढ़ावे के जरुरत आ जाला. देख ल सँ, अगिला लोकसभा चुनाव आवे से पहिलहीं देश भर में हिन्दुवन के अपने में लड़वा देबे के पूरा खाका तइयार क के राखल बा कई एक जगहा त ओकरा प अमलो कइल शुरु हो गइल बा. कबो गुर्जर के, कबो जाट के, कबो पटेल के, कबो दलित के, त कबो राजपूत के उकसा के सरकार का खिलाफ खड़ा करावले जा रहल बा. काहें कि हमहन सेकूलर कहाए वाला फिरकावादियन के नीमना से मालूम बा कि अगर हिन्दू एकवट गइलें त फेरु मोदी के हरावल मुश्किल हो जाई. मोदी के हरावे के बा, त तोहनी हिन्दुवन के टुकी-टुकी कइल जरुरी बा. पहिले सामाजिक तौर प आ बाद में ध-ध के एक-एक जने के काटब सँ, बस तोहनी देखत रह सँ आ कबो बेरोजगारी, कबो आरक्षण, कबो जाति अभिमान के तड़ाई लड़त रह सँ. तबहिएं हमहन के प्लान पूरा हो पाई. खबरदार जे कतहीं भारत माता के जय बोलल सँ त. आ बोलहीं के होखे त अपना इलाका में बोलीह सँ ना त हमनी का इलाका में बोलब सँ त मारि देब गोली केहू ना बोली. फेर मत कहीह सँ कि पहिले से धिरवनी ना !

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