माई

– डॉ राधेश्याम केसरी

हमरे से खनदान पटल बा,
जिनिगी से जज्बात जुड़ल बा
हम हमार, घर दुअरा खातिर
सबसे पहिले तोहरा खातिर
उठ खटिया से रोज सबेरे
जिनगी तोड़ी तोहरा खातिर।

तोहरे खातिर ज़बह होखी
तू जबरा के लात सहीं
सर्दी गरमी कुछ न जनलीं
खाँच पाँक बरसात सहीं
ना बुझात तब्बो ए बचवा
सब कुछ सहलीं तोहरा ख़ातिर।

आपन हिस्सा बाँट बाँट के
नीक खियवली नून चाट के
रतिया में हम जाग जाग के
लुग्गा आपन गीला कइलीं
अधिका खटिया तोहके देके
जरलीं मरलीं तोहरा खातिर।

बड़की क जब बांह धरवलीं
कर्जा ले, बेपर्दा भइली
चार परानी पाल पोस के
एमें कइलीं, ओमें कईलीं
जस जस ऊपर तोहूँ गइलऽ
नीचे भइलीं तोहरा खातिर।

जांगर देके मर मर गइलीं
कब्बो ओकर मोल न मंगलीं
गिरते परते, धरम करम से
नाता रिश्ता जोड़त गइलीं
जियते जियरा पोस न माने
का ना कइलीं तोहरा खातिर।

माई पललस छोप छाप के
सबके चहलस साट साट के
अलग अलग एक तरफ़ा भइलऽ
माई के जनल बाँट बाँट के
अइसन करनी काहे कइले
सब पुछेला हमरा खातिर।

एक एक एग्यारह कइलीं
अब लागी फुटबॉल सरीखा
एने से ओने टारे लऽ
इ कइसन अब तौर तरीका
फुटलों आँखि तू ना तकलऽ
हम तकलीं सब तोहरा ख़ातिर।

फाटल लुग्गा साट पहिन के
ऊँच अटारी रोज बनवलीं
बनल राज तू पा गइलऽ त
घर कोना क मूरत भइलीं
माई खातिर कुछ ना कइलऽ
सब कुछ कइलीं तोहरा ख़ातिर।

बचवा हम तोहके समझाई
‘माई’ ना तोहके बिलगाई
माई क मान बड़ाई ह
न इंहवां कवनो लड़ाई ह
माई क मान मनव्वल ह
जब माई मानी तोहरा ख़ातिर।

माई ममता क मूरत ह
दुनिया एकरे से जुड़त ह
आदर अंगना में तुलसी क
इ गऊशाला क गाई ह
एकर नांव अमर हरदम बा
नहियो करबऽ तू एकरा ख़ातिर।


डॉ राधेश्याम केसरी
ग्राम, पोस्ट-देवरिया,
जिला -ग़ाज़ीपुर उ.प्र.
पिन 232340
मो,9415864534
rskesari1@gmail.com

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