भोजपुरी साहित्य के एगो बरियार खंभा फेरु गिर गइल. रामलखन विद्यार्थी जी अब नइखीं.
नवासी बरीस का वयस में डिहरी ऑन सोन स्थित अपना आवास पर 29 जून, 2022 के उपरी बेरा पौने चार बजे रामलखन विद्यार्थी जी के निधन होखे के खबर रामरक्षा मिश्र विमल जी भेजले बानी.
लिखले बानी कि विद्यार्थी जी के कलम भोजपुरी आ हिंदी- दूनों भाषा का साहित्य में अबाध चलत रहे. उहाँ के प्रकाशित किताबि एह तरह से बाड़ी स –
हिंदी में :
‘घटवारा’ (उपन्यास) आ ‘जीवन-प्रवाह’ (गीत-संग्रह).
भोजपुरी में :
आज के आदमी (कथा संग्रह), भूमिहीन (कथा संग्रह), माटी के पहरुआ (भोजपुरी नाटक).
विमलेंदु भूषण पांडेय बतावत बानी कि रामलखन विद्यार्थी जी के जनम 1 अक्टूबर, 1933 ई. का दिने रोहतास जिला के विक्रमगंज थाना के घुसियाँ कला गाँव में भअल रहे.
उहाँके बिहार सरकार का सेवा से अवकाश भइला का बाद से साहित्य साधना के आपन प्रमुख साध्य बनवनी.
सँझवत परिवार आ औजोरिया परिवारन का ओरि से रामलखन विद्यार्थी जी के सादर नमन आ विनम्र श्रद्धांजलि.