राष्ट्र प्रेम के एगो गीत

मान  बढ़ाईं  जा माटी के   

रामरक्षा मिश्र विमलRRM-Vimal

दुअरा अंगना कहिया छिटकी मधुर किरिनिया भोर के

कहिया  पन्ना  पलटल जाई  भारत माँ के  लोर के ?

 

तमिल तेलगू बङला हिन्दी सब  ह  भारत  के  भाषा

अपना जगह  सभे  कंचन बा  एको  ना  बाटे  काँसा

हिन्दू  मुस्लिम  सिक्ख  ईसाई  भारत  सबके जोर के ।

 

दाँतकटउवल रोटी  में  कइसे  ई  जहर  घोराइ गइल

धरम नाम पर मार काट बुधिया बा कहाँ बिलाइ गइल

आग लगावल  के  ई  सगरो  बूतल अहड़ा  खोर के ?

 

तूरल फारल मारल काटल  कब ले  बन्न  कइल जाई

जाति धरम पर अलगा बिलिगी कहवाँ ले होखल जाई

महल बनेला  खाँड़ा  सोगहग  ईंटा  ईंटा  जोरि  के ।

 

आईं  हमनीं सभ बइठीं  सुख दुख आपन बतियाईं जा

घरफोरवा बा  के  हमनी के  ओकर पता  लगाईं जा

मान  बढ़ाईं  जा माटी के  भेद भाव  सभ  छोड़ि के ।

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