ल बहुरिया हर-फार, मंहगू चललन गंगा पार

– बिनोद सिंह गहरवार

भारत के असहीं ना अनेकता में एकता के देश कहल जाला. एकर खिलकत देखे के होखे त बिपच्छी एकता में देखीं. हाथ के हँसुआ-हथउड़ी से कबो ना पटे. मोथा-मावाना (तृणमूल) जब से हँसुआ-हथउड़ी के भोथर आ हलुक क के पठंगा धरइलस तब से दुनो के बीच ताका-ताकी नइखे. एने जंगल राज आ सुसाशन के बीच उहे नाता बा जइसे ‘मीठ-मीठ बोलिया रघुताइन बोलेली, आ कांख तर के छूरी से करेज काटेली’. झाड़ू के उहे हाल बा. एकरा जब पलखत लागेला त केहू के भ्रष्टाचारी कह के बाहर फेंक देला. शिवसेना के जब देखीं सनकले रहेला.

बाकिर जइसे देश के नाम प सभ भेद-भाव छाड़ के देश के जनता एक हो जाले ओइसहीं चुनाव के नाम भंइसा के कांड छोड़ के सभ बिपच्छी एक हो जाला. एक बेरा सुरेंदर शर्मा से एगो पत्रकार पूछलसि कि, शर्मा जी, बताईं बाघ-बकरी कबो एके घाट प पानी पी सकेला ? त शर्मा कहलन कि एकदम पी सकेला, बस ओहनी के बीच चुनावी ताल मेल भर हो जाव.”

बिहारी कवि कहले बारन नू – ‘कलहाने एकत बसत, अहि मयूर मृग बाघ. जगत तपोवन सो कियो दीरघ दाघ निदाघ.’ माने कि जेठ में मउरा देवे वाला गरमी जइसे बाघ आ हरीण के, मोर आउर साँप के बीच इयारी करा देबेला ओइसहीं चुनाव के तपिश सभ बिपच्छियन के एके चुनावी पेड़ के नीचे बइठा देबेला. चुनाव आवते एकता के कारा-धारा (सूर-सार) नधाए लागेला.

एह बिपच्छी एकता में एगो चीझ बड़ा अजगुत देखे के भेंटाला. उ ह सीटन के बखरा. बखरा के बखेरा लोगन में जतना दिलचस्पी आ रोमांच पैदा करेला ओतना लोहा सिंग के खदेरन का मदर वाला ड्रामो ना पैदा कर पावे.
सबसे अनघा मसाला त मीडिया वालन के बे हरे-फिटकिरी के भेंटा जाला – “आज के सबसे बड़का निउज …..” “कुरसी कुमार सीट के बंटवारा से नाराज बारन. उनकर कहनाम बा कि, “जेकरा डरे अलगा भइनी उहे पड़ली बखरा. हम अपना बीस सीट में से एको सीट केहु के ना देब.” ओने पप्पू जी कहलन कि, “देख भाई तू लोग हमरा के परधान मंतरी ना मनबऽ लोग त, ‘ल बहुरिया हर-फार, मंहगू चललन गंगा पार !’ हम चलनी न्याय जतरा प ! के तोहरा लोग के मनौनिया करत रही.” एने दीदी अलगे कहत बारी,”हमरा अंगना में केहू के कवन काम बा ?” ओने बहिन जी आ बुआ अलगे बरबराता लोग. केजरी बवाली अलगे बवाल कर रहल बारन. कुल्ह मिला जुला के बिपच्छी एकता भहरा के इंडी से गिरल त भरचुअल प अंटकल बा. लोग सीटन के बखरा लगावे में अतना अझुराइल बा कि, “घर फूटे पटीदार लूटे, आ गाँव फूटे जवार लूटे” वाला हाल हो गइल बा.

जहाँ ई लोग कपर फूटउअल में लागल बा ओहिजे योगी-मोदी लोगन प अछत छींटत बारन. देखीं अछत हमरो घरे आ गइल बा. अछत छींटला के माने रउआ सभे जानते होखब. जेकर चुन ओकर पुन. अब हम जात बानी. जय राम जी की !

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