प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लखनऊ में आयोजित दशहरा रैली में जब मंच से जय श्रीराम का उद्घोष किया गया तो उसके राजनैतिक मायने तलाशे जाने लगे लेकिन आप शायद यह जानकर चौक जायेंगे कि जिस प्रभु श्रीराम की जयजयकार कर भारतीय जनता पार्टी केन्द्र में सत्तारुढ़ हुयी उस श्रीराम का किरदार निभाने वाले वरिष्ठ अभिनेता अरुण गोविल का आज तक ना ही भारत की सरकारों ने या भारत के किसी राज्य की सरकारों ने सम्मान किया है. भले ही किसी भी पार्टी की सरकार रही है. उत्तर प्रदेश की सरकार ने भी अरुण गोविल को कोई तवज्जो नहीं दिया. अरुण गोविल खुद उत्तर प्रदेश के हैं .
टेलीविजन के सबसे कामयाब धारावाहिक रामायण के राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल का सम्मान किया है फिजी की सरकार ने. फिजी की राजधानी सूवा और नाडी में आयोजित रामायण नामक एक कार्यक्रम में अरुण गोविल का २३ और २५ सितंबर को सम्मान किया गया. इस अवसर पर अरुण गोविल परदेश में मिले इस सम्मान पर भावुक हो गये. उन्होने रामायण की आज की उपयोगिता पर चर्चा किया और कहा कि आज भाई भाई एक दुसरे के खुन के प्यासे होते जारहे हैं. आज परिभाषा बदल रही है. रिश्तों का सम्मान खत्म हो रहा है हम भागे जारहे हैं जो खो गया उसको पाने के लिये. रामायण से अच्छा कुछ नहीं है. अरुण गोविल को फिजी के मिनीस्ट्री आॅफ एजुकेशन , हैरिटेज एंड आर्टस कल्चर की तरफ से आउट स्टैंडिंग कंट्रीव्यूशन टू रिलीजन आर्टस एंड कल्चर का सम्मान दिया गया.
फिजी में ही नाडी में आयोजित एक कार्यक्रम में फिजी हाईकमीशन द्वारा अरुण गोविल को फिजी संस्कृति सम्मान फॉर आउटस्टैंडिंग कंट्रीव्यूशन टू वर्डस स्पैंजिंग इंडियन कल्चर के सम्मान से नवाजा गया. इस अवसर पर गायक सुमित टप्पू ने भी समां बांधा . फिजी में अरुण गोविल की एक झलक पाने के लिये लोगो की भारी भीड़ उमड़ी और हालत ये हो गयी कि जिस स्टेडियम में यह कार्यक्रम था वहां नौ हजार से ज्यादा लोगो की भीड़ उमड़ गयी. जिस धारावाहिक ने देश की राजनीति और समाज का ढांचा बदल दिया उस धारावाहिक के राम यानि अरुण गोविल को भारत की सरकारों ने जो आज तक सम्मानित नहीं किया लेकिन फिजी सरकार द्वारा उनका सम्मान करना वाकई की देश में राजनैतिक दलों द्वारा वोट की राजनीति की जारही है इसका साफ संकेत मिलता है.
(शशिकांत सिंह)