सौभाग्यवती भवऽ
इंदिरा राय अम्मा के सहेलियन के एकाध सिसकी, बहरि बाँस के टिकठी बनावे के ठक-ठक आवाज आ बीच-बीच में ठेठ पूरबी अन्दाज में कुसुमी के “अरे मोर भउजी” के स्वर…
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इंदिरा राय अम्मा के सहेलियन के एकाध सिसकी, बहरि बाँस के टिकठी बनावे के ठक-ठक आवाज आ बीच-बीच में ठेठ पूरबी अन्दाज में कुसुमी के “अरे मोर भउजी” के स्वर…
रचना त्रिपाठी अपना भतीजी वृंदा के शादी में सितली फुआ अपना गवना के पैंतीस-चालीस बरीस बाद पहिला बेर नइहर आवत रही. एह बीचे ऊ बहू-बेटी, नाती-नतकुर वाली हो गइल रहुवी.…