टेंशन दीहल जाला, लीहल ना जाव ! (बतंगड़ – 5)

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– ओ. पी. सिंह

टेंशन दीहल जाला, लीहल ना जाव. जिनिगी का हर मैदान में ई रणनीति मजगर साबित होले बशर्ते रउरा मे बेंवत होखे सोझा वाला के टेंशन दे सके के. ब्लफ मारत खाली फँउके ला फँउके वाला के ई चाल उलुटो पड़ सकेला. जइसे कि अब पाकिस्तान का साथे होखे लागल बा. आजादी का बाद से पीवी नरसिंहा राव आ अटल बिहारी बाजपेयी छोड़ केन्द्र पर हमेशा गैर हिन्दूवादियन के सरकार रहल बिया जेकरा के टेंशन देबे के बेंवत पाकिस्तान का लगे हमेशा से रहत आइल बा. मजहब का आधार पर बनल दू गो देशन में से पाकिस्तान त इस्लामिक देश बन गइल बाकिर अपना के मानसिक रुप से मुसलमान बतावे वाला जवाहर लाल का खुरचाल का चलते हिन्दुस्थान इण्डिया बन के जिये ला मजबूर क दीहल गइल.
तब के बड़हन कांग्रेसी नेता रहल मोहनदास के मानना रहल कि हिन्दू कायर कौम ह आ ई आपन जान बचावे ला बाकी सबकुछ तज सकेला. जबकि मुसलमान कायर ना होखसु आ अपना फायदा ला कवनो हद ले जा सकेलें. एह तरह उनुको जरुरी ना लागल कि हिन्दुस्थान के हिन्दुस्थान बनावल जाय, इण्डिया ना. आ बाद के हालात देखइबो कइलसि कि हिन्दुस्थान के इण्डिया बनावे का खुरचाल का खिलाफ कवनो आवाज ना उठल.
एक बेर अपना राह से हट गइल इण्डिया नेहरु गाँधी के एही विचार का चलते कश्मीर समस्या का साथे जिये ला सरापित हो गइल. कांग्रेसी नेता जानत रहलें कि हिन्दूवन मे एका होखल असंभव बा आ तमाम राजनीतिक गोल हिन्दूवन के कवनो ना कवनो बहाने बाँटत चल गइलें. हिन्दू महासभा अपना कट्टरवादी रुख का चलते हिन्दूवन के पूरा साथ ना बटोर सकलें आ हिन्दू हितन पर चोट मारे के तरीका कारगर बनल रहि गइल. शुरुवे से कश्मीर पर आपन हक जतावत पाकिस्तान के ओह इलाका के आबादी के साथो मिल गइल आ इण्डिया में रहला का बावजूद एगो खास जमात, मजहब ना, पाकिस्तान का इशारा पर इण्डिया के टुक्की टुक्की करे के प्लान पर काम करत रहि गइल.
बाकिर कहल जाले कि एक दिन घूरो के दिन फिरेला. हिन्दुस्थानो के दिन फिरल आ केन्द्र में भारत के सोचे वाला, भारत के चाहे वाला आ भारत ला कवनो सीमा ले जाए खातिर तइयार रहे वाला सरकार बनि गइल. बनते हमलावर ना बनि के ई सरकार पाकिस्तान के पूरा समय दिहलसि सुधरे ला. बाकिर कुकुर के पोंछ ना सीधा होला, ना भइल. पाकिस्तान अपना गलतफहमीं में जीयत रहे वाला तौर तरीका अपनवले रहि गइल.
बाकिर बकरी के माई कब ले खरजिउतिया मनाई. कातिक आ सावन के एक ना एक दिन जाहीं के होला. अबकि स्वतंत्रता दिवस का दिने लाल किला से दंशवासियन के संबोधित करत हमहन के राजा पीएम गुलाम कश्मीर आ बलुचिस्तान के जिकिर छेड़ के पाकिस्तान आ भारत में रहे वाला पाकिस्तानियन के भउँचक क दिहलें. पाकिस्तान का तरफ से आवाज उठला से पहिलहीं भारत में रहे वाला पाकिस्तानी चिलपों मचावल शुरु क दिहलें. टेंशन में आ गइल खुरशीद अहमद आ दिग्विजय सिंह जइसन नेता त सीधे पाकिस्तानी बोली बोले लगलें. एहन के कहना बा कि बलुचिस्तान पाकिस्तान के अन्दरुनी मामिला ह आ ओह पर ना बोले के चाहीं. दिग्विजय सिंह कश्मीर के भारत के कब्जावाला कश्मीर कह दिहलन. लाग गइल कि उनुका दिमाग के कब्जा ढील हो गइल बा.
टेंशन बरदाश्त करे के बेंवत एह पाकिस्तानियन में नइखे. बलुचिस्तान के आजादी अब ढेर दिन दूर नइखे. बांग्लादेश बने में जवन टाइम लागल ओकर चउथाइयो नइखे लागे वाला बलुचिस्तान बने में.
हो सकेला कि कुछ पढ़वइआ आजु टेंशन में आ गइल होखसु बाकिर हमरा कवनो टेंशन नइखे. काहे कि –
टेंशन दीहल जाला, लीहल ना जाव !

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