Tag: अठवीं अनुसूची
भोजपुरी के संविधान के अठवीं अनुसूची में शामिल करावे ला धरना
by Editor | Feb 20, 2016 | भाषा, सभा समारोह, सरोकार | 0 |
फेरू उठल भोजपुरी के संवैधानिक मान्यता के मांग
by Editor | Oct 22, 2014 | देश आ समाज, पुस्तक चर्चा, सरोकार | 1 |
भोजपुरीओ साहित्यकार लोग अब ‘भारतीय साहित्य निर्माता’ का पाँत में
by Editor | Sep 18, 2014 | खबर, पुस्तक चर्चा, साहित्य | 0 |
भोजपुरी के अठवीं अनुसूची में शामिल करावे पर सोचत बिया केन्द्र सरकार
by admin | Sep 7, 2013 | देश-दुनिया | 0 |
संविधान के अठवीं अनुसूची में भोजपुरी शामिल करावे ला जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन
by OmPrakash Singh | Sep 1, 2012 | खबर, देश आ समाज, सरोकार | 1 |
भोजपुरी ला मिलल आश्वासन पर भोजपुरी समाज दिल्ली आभार जतवलसि
by OmPrakash Singh | May 17, 2012 | खबर, देश आ समाज, सरोकार | 1 |
पी चिदंबरम भोजपुरी में कहलें, हम रउरा सभ के भावना समुझत बानी
by OmPrakash Singh | May 17, 2012 | खबर | 1 |
संस्तुति
शेयर ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले जरुरी साधन चार्ट खातिर ट्रेडिंगव्यू
शेयर में डे ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले बढ़िया ब्रोकर आदित्य बिरला मनी
हर शेेयर ट्रेेडर वणिक हैै - WANIK.IN
अँजोरिया के भामाशाह
अगर चाहत बानी कि अँजोरिया जीयत रहे आ मजबूती से खड़ा रह सके त कम से कम 11 रुपिया के सहयोग कर के एकरा के वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराईं.
यूपीआई पहचान हवे -
anjoria@uboi
सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.
अबहीं ले 10 गो भामाशाहन से कुल मिला के पाँच हजार छह सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.
(1)
18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया
(3)
24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया
(4)
18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया
(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया
(5)
5 अगस्त 2023
रामरक्षा मिश्र विमत जी
सहयोग राशि - पाँच सौ एक रुपिया
एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.
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चुटपुटिहा
सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से
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