कजरी

– संगीत सुभाष बदरी आवऽ हमरी नगरी, नजरी डगरी ताकति बा। सूखल पनघट, पोखर, कुइयाँ असरा गिरल चिताने भुइयाँ छलके नाहीं जल से गगरी, नजरी डगरी ताकति बा। बूढ़ लगे…

जबले हरियरी रही, कजरी गवात रही

– डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल चाहे शहर होखे भा गाँव आ गाँव में त अउरी, सावन के महीना आवते शुरू हो जाला लइकन के कबड्डी, खो-खो, चीका आ फनात के…

कजरी के कार्यक्रम

भोजपुरी इलाकन में मौसम का हिसाब से गीत गवनई चलेला. फागुन में फगुआ त चैत में चइता चइती. सावन भादो का महीना में ओही तरह कजरी के जोर रहेला. बियफे…

भोजपुरी के महक यूरोप में

भोजपुरी के जानल मानल लोकप्रिय गायिका सीमा तिवारी भारतीय सांस्कृतिक एवं सम्बन्ध परिषद का ओर से पिछला दिने ७ फ़रवरी से १८ फ़रवरी तक अपना पुरा ग्रुप का साथे यूरोप…

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