– ओ. पी. सिंह
पिछला दिने एगो टीवी प्रोग्राम में बोलत मल्लिका ए कांग्रेस कहली कि बरीस 2019 के चुनाव में उनुका गोल के फेरु वापसी होखी. आ तबे से हम उलझन में बानी कि ई कहि के ऊ धिरऽवली कि चेलऽवली. आ कि अपना पीडियन के धीरत धरावल चहली कि अगिला लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के फेरु से सत्ता में वापसी हो जाई. चूकि हम ओह कार्यक्रम के लाइव ना देख पवलीं से हम उनुका बात के टोन आ लहजा ना जान पवनी. कवनो बाति के मतलब कई बेर ओकरा कहे के लहजा से साफ हो पावेला. खैर ऊ जवन कहे चहले होखसु ले दे के बतिया के लब्बो लुआब त इहे बा कि मोदी सरकार के दिन पूरा हो चलल बा आ यूपीए के जमाना फेरु लवटे वाला बा. गाछे कटहर ओठे तेल के कहाउत अइसहीं ना कहल जाला. कई बेर लोग सपने के हकीकत मान बइठेला आ ओही हिसाब से आपन आचरण करे लागेला. चलीं थोड़िका देर ला मान लीहल जाव कि मोदी के हार होखे जा रहल बा अगिला चुनाव में. त फेरु पीएम के बनी ? पूरब से ममता जी छरपत बाड़ी त दक्खिन से के सी आर. दक्खिने के स्टालिन अबहीं खुल के मैदान में नइखन आइल बाकिर लार त उनुको टपकत होखी, पाकल आम अब टपकल कि तब टपकल का आस में. पोसुआ मीडिया के लाख कोशिश का बावजूद बबुआ के स्मार्ट भा तेज तर्रार बनावे में सफलता हाथ नइखे लागत. पोसुआ मीडिया एहु चलते परेशान बा कि सोशल मीडिया ओकरा जान का पाछे लाग गइल बा. एगो त पेट पर लाग गइल बा दोसरे कुंकिआइलो पर रोक लाग गइल बा. आ सोशल मीडिया के एगो खासियत इहो बा कि ओकरा पर गप के घोड़ा तेजी से दउड़ेला. पता ना साँच कि झूठ एगो पोस्ट इहो देखनी कि टीवी पैनल पर चलत बहस में केहू सलाह दीहल कि राहुल के राजनीति से सन्यास ले लेबे के चाहीं काहें कि एहिजा के राजनीति उनुका बेंवत से बहरी के बा. अतना सुनते भाजपा के बोलतुआ भड़क गइलय कहलसि कि ई कइसे हो सकेला ? अबहीं दू गो राज्य के चुनाव होखल बाकी बा ! ओकरा कहला के मतलब इहे रहल कि कर्नाटक आ पश्चिम बंगाल के चुनाव में राहुल के प्रचार का भरोसे बहुते कुछ सोच के रखला बिया भाजपा. आ पता ना इहो साँच ह कि झूठ. बाकिर सुने में आवत बा कि कर्नाटक के सिद्धारमैया नइखन चाहत कि राहुल कर्नाटक में चुनाव प्रचार करे उतरसु. आ भाजपा एह बाति पर उनुका खिलाफ बिया. ओकर कहना बा कि चुनाव में राहुल प्रचार करे ना उतरिहें, ई ना होखे दीहल जाई. जब ई बतंगड़ लिखत बानी राहुल बाबा सिंगापुर के दौरा पर बाड़ें आ ओहिजा से छन छन के जवन खबर आ रहल बा ओहले लागत बा कि बहुते देशप्रेमी लोग चाहत बा कि राहुल के विदेश दौरा पर रोक लगा देबे के चाहीं. आखिर देश के अतना बड़हन नेता के अतना शानदार बेइज्जति कइसे बरदाश्त कइल जा सकेला. राहुल के बयानबाजी से उनुका रफू मास्टरन के परेशानी सहजे समुझल जा सकेला. दिक्कत इहो बा कि बबुए का भरोसे मल्लिका ए कांग्रेस ऊ बयान दिहले रही कि 2019 का चुनाव में उनुकर गोल के वापसी होखे जा रहल बा. के लड़ी मोदी आ उनुका राजग से ? अगर गठबन्हन, महागठबन्हन, भा सुपर गठबन्हन बनिओ गइल त ओकर नेता के रही ? आ अगर राहुले रहीहें मोदी का सोझा त एह लड़ाई में राहुल के सिपाहसालार बने ला के तइयार होखी. रउरो सोचीं कि रउरा के धिरावल जात बा कि रिगावल.