वापसी

- डा॰ सुभाष राय हम जरूर लउटब घाटी से निकलब स्याह चट्टान प रोशनी बिछावत रेगिस्तान की सीना से झरना जइसन फूटत बालू में जिनगी बोवत बढ़ब आ तुहार मटियाइल…

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