धुँधुआइल जनचेतना आ साहित्य पर संकट

(कविता-अंक ”पाती“, सितम्बर-1993 से मार्च 2021 अंक में फेरु प्रकाशित) डॉ अशोक द्विवेदी आज के असहाय, उपास, बेचैन आ फिकिरमंद अदिमी के दिनो-दिन झुरात जीवन-रस आ सौंदर्य-चेतना के महसूस करे…

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