पिया नाहीं अइले अबकी फगुनओ में : बतंगड़ – 30

– ओ. पी. सिंह अगर कवनो समाज के खतम करे के होखे त ओकरा नाभि प चोट करे के चाहीं. आ समाज के नाभि ओकरा भासा, ओकरा परम्परा, ओकरा संस्कार,…

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