सरधा के अँजुरी : ‘गँवई गंध गुलाब’ के ‘मनबोध मास्टर’

– भगवती प्रसाद द्विवेदी आजु जब खेती-किसानी में जीव-जाँगर आ जिनिगी खपावेवाला गरीब किसान खुदकुशी करे खातिर अलचार हो जात बाड़न, त एह निठुर समय में एगो अइसन ऋषि रचनाकार…

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