नेपाल में भइल भोजपुरी खंडकाव्य “रमबोला” के एकल पाठ

नेपाल भोजपुरी समाज, वीरगंज के आयोजन में महान संत तुलसीदास जी के जीवन प्रसंग पर लिखल आपन मशहूर भोजपुरी खंडकाव्य "रमबोला" के एकल पाठ भोजपुरी आ हिंदी के पुरनिया साहित्यकार…

रमबोला आज जवान भइल

भोजपुरी साहित्य से हमार पहिलका परिचय जवना रचना से भइल तवन रहल हरीन्द्र हिमकर जी के लिखल खण्डकाव्य रमबोला के एगो अंश से. रचना अस नीक लागल कि रटा गइल…

भोजपुरी साहित्य के धरोहर हऽ – रमबोला

- हरेन्द्र हिमकर धरती के रग-रग में भइल राग अदिमी -अदिमी हो गइल नाग डंसलनि समाज के पोर-पोर देहिया-देहिया में लगल आग। अंगे-अंगे धहकल धिधोर धरती लिहली अॅंचरा बिटोर तब…

रमबोला के याद करत आपन बात

- ओम प्रकाश सिंह साल 1975 भा 1976 रहुवे जब पहिला बेर हमरा एगो भोजपुरी के खण्डकाव्य रमबोला के जानकारी एगो दोस्त से मिलल. ऊ हमरा के ओह काव्य के…