बरिसावऽ माँ नेह सुधा

– रामरक्षा मिश्र विमल बरिसावऽ माँ नेह सुधा कब ले जियरा छछनल। जग जीवन पर छवल निराशा लागि रहल मधि रइनि अमवसा कब ले पूरनवासी आई दया रूप उमगल। अनाचार…

Scroll Up