आरएसएस के छठवाँ संघ चालक मोहन भागवत

Sudarshan and Mohan Bhagwat : Outgoing and New RSS Chief

सुदर्शन आ मोहन भागवत

शनिचर २१ मार्च के नागपुर बईठक में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के वर्तमान संघचालक के एस सुदर्शन अपना खराब स्वास्थ्य का चलते स्वेच्छा से आपन पद छोड़ दिहलन आ उनुका जगह पर अब ले सरकार्यवाह रहल मोहन भागवत के संघ चालक बना दिहल गईल.

संघचालक माने कि संघ के चलावे वाला भा ओकर मुखिया आ सरकार्यवाह के मतलब चीफ एक्जेक्यूटिव आफिसर भा महामंत्री होला. संघ के ढांचा में ई दुनू पद बहुते महत्वपूर्ण होला. संघ में संघचालक के चुनाव ना होला. वरीय पदाधिकारी गुप्त रुप से बइठका करके अगिला संघचालक के चुन लेबेला लोग जवन कि समय अईला पर सबका के बता दिहल जाला.

आरएसएस के स्थापना ब्रिटिश गुलामी का समय भईल रहे आ तब से लेके आजु ले एकर एके मकसद बा हिन्दू समाज के संगठित करे के आ हिन्दू संस्कृति के बढ़ावा देबे के. अलगा बात बा कि देश के राजनीतिक परंपरा में अधिका दल संघ के अछूत माने ले आ ओकरा संगे ना चले के चाहसु. तबहियों संघ आजु देश के सबसे बड़ सांस्कृतिक संगठन बनल बा आ एकरा से जुड़ल भारतीय मजदूर संघ देश के सबसे बड़ मजदूर यूनियन, विद्यार्थी परिषद सबसे बड़ छात्र संगठन बा. वनवासी कल्याण केन्द्र जईसन बहुते प्रकल्प संघ चलावेला जवन प्रचार से दूर रह के दुर्गम जंगल का बीच वनवासियन के कल्याण करे ला. सरस्वती शिशु मन्दिर संगठन देश के सबसे बड़ गैर सरकारी शिक्षा संगठन आ एकर स्कूल पूरा देश में फईलल बा.

संघ के पहिलका संघचालक डा॰केशव बलिराम हेडगेवार जी रहनी. बाद में माधवसदाशिव राव गोलवलकर उर्फ गुरूजी संघचालक बननीं आ तैंतीस साल ले एह पद पर रहनी. उनुका बाद बालासाहब देवरस एकइस साल तक, फेर प्रो॰राजेन्द्र सिंह जिनका के रज्जू भईया का नाम से बेसी जानल जाला, छह साल तक आ फेर सुदर्शन जी नौ साल ले संघचालक के दायित्व बखूबी संभरलनी. अब मोहन भागवत जी के ई उत्तरदायित्व सँउपल गईल बा. सरकार्यवाह पद पर सुरेश राव जोशी के ले आवल गईल बा.

संघ जतना बड़ संगठन में होखे वाला छोट से छोट फेर बदल पूरा देश के राजनीति के प्रभावित करेला. काहे कि रउरा या त संघ समर्थक हो सकीला भा संघ विरोधी. संघ से निरपेक्ष होखल एह देश में असंभव जईसन बाति बा. एह लेख के मतलब त रहे मोहन भागवत जी के परिचय देबे के बाकिर रउरा में से बहुते लोग संघ से अपरिचित होखी एही से थोड़ बहुत चरचा संघ के कर दिहनी.

मोहन भागवत जी के जनम ११ सितम्बर १९५० का दिने महाराष्ट्र के विदर्भ इलाका के चन्द्रपुर गांव में भईल रहुवे. मोहन भागवत के पिताजी गुजरात के प्रांत प्रचारक रहनी. अकोला कृषि विद्यापीठ से मोहन भागवत जी पशु विज्ञान के स्नातक के पढ़ाई कइनी. बाद में स्नातकोत्तर का पढ़ाई करते घरी देश में आपातकाल लगा दिहल गईल रहे आ मोहन भागवत जी पढ़ाई छोड़ के देश सेवा में आपन जीवन समर्पित कर दिहनी. सन् १९७५ में मोहन भागवत जी के संघ के प्रचारक बना लिहल गईल.

आपातकाल में भूमिगत रह के संघर्ष कईला का बाद १९७७ में मोहनजी के अकोला के जिम्मेदारी सँउपल गईल. बाद में नागपुर आ विदर्भ के प्रचारक बनावल गईल आ १९८७ में मोहन भागवतजी के संघ के शारीरिक शिक्षा सहप्रमुख बना दिहल गईल. हर पद के जिम्मेदारी मोहन भागवत जी बढ़िया से निभवले आ १९९९ में उनुका के एक साल खातिर अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख बना दिहल गईल.

सन् २००० में जब शेषाद्री जी सरकार्यवाह के पद छोड़नी त मोहन भागवत जी के तीन साल खातिर सरकार्यवाह चुन लिहल गईल. बाद में २००३ आ फेर २००६ वो में उनुका के सरकार्यवाह चुनल गईल. २८ साल का अपना प्रचारक जीवन में मोहन भागवत जी देश के कोना कोना आ विदेशो में संघ कार्य ले के घूम चुकल बानी.

गुरुजी का नाम से मशहूर संघ के दूसरका संघचालक गोलवलकरजी का बाद अतना कम उमिर में संघचालक बने वाला मोहन भागवत पहिलका आदमी बाड़े. भाजपा का तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी का साथे मोहन भागवत के बढ़िया संबंध बा आ उमेद कईल जा सकेला कि भागवत जी का नेतृत्व में संघ के विकास के रफ्तार तेज होखी. संघचालक मनोनीत होखला का बाद मोहन भागवतजी अपना पहिलका पत्रकार सम्मेलन में कहलें कि भारत हिन्दू राष्ट्र हऽ आ एहिजा के हर नागरिक हिन्दू हऽ चाहे ऊ कवनो मजहब के माने वाला होखो. एह बात से केहू इन्कार ना कर सकेला.

(As on 22nd March 2009)