भीख के आडिट

आलोक पुराणिक

ह्वाइट हाउस में बइठ के ओबाम जी मुनीमजी स्टाइल में खाता बही चेक करत रहलन आ जरदारी गिलानी खड़ा खड़ा हिसाब किताब के जवाब देत रहे लोग.

यस जरदारी, तहरा १५.६० करोड़ डालर मिले के रहुवे, बाकिर हिसाब ठीक नइखे, एहसे साढ़े पांचे करोड़ काट लिहल जाई. बहुते गड़बड़ बा. आपन खाता सत्यम के आडिटर प्राइसवाटर हाउसवालन से बनवावेलऽ का ? आ ई आतंकवाद से लड़े का नाम पर तोहार फारेन ट्रावेल, फारेन बंगला पर खरचा काहे देखावल गइल बा ?

ओबामा जी, पाकिस्तान के सुधारे खातिर हमरा पेरिस न्यूयार्क घुमे के पड़े ला. अबहियें स्विट्जरलैण्ड में डअवोस जात बानी. अतना ना घुमीं त कइसे पता लागी कि पाकिस्तान कतना पिछड़ गइल बा ? राउरे ह्वाइट हाउस देख के हमरा पता चलल कि पाकिस्तान कतना पिछड़ल बा. पाकिस्तान के प्रेसिडेंट के पचास बंगला में से एकहूं अइसन नइखे. पाकिस्तान के पिछड़ापन से निकालल हमार जिम्मेदारी नू बा.

ए जरदारी, मांगे के भीख घूमे के फारेन. अइसनका धांसू शूट पहिरले बाड़ऽ. अतना हवाई जहाजन में उड़ेलऽ. अतना बंगला मेंटेन करे लऽ ?

ओबामा जी, देखीं. रउरा अनेरे फेंटत बानी. अमेरिका से भीख मांगल हर पाकिस्तानी प्रेसीडेण्ट के प्रोफेशनल काम हऽ आ धांसू बंगला आ जहाज मेंटेन कइल परसनल काम हऽ. प्रोफेशनल काम में कतहीं कफनो कमी लउकत होखो त बतलाईं. परसनल लाइफ में काहे ताकाझांकी करत बानी ?

आ जरदारी, एगो सिपाही के जूता के रेट तू हजार डालर देखवले बाड़ऽ हिसाब में, ई का हऽ ?

ओबामा जी, हिन्दुस्तान का हिसाब से हमरा हिसाब के मत तउलीं. ओहिजा सिरिफ नेता खालें. हमार हियां आर्मी, आईएसआई, नेता सबके साथ ले के चले पड़ेला. लोकतंत्र ना होखला से बहुते दिक्कत बा. हम लोकतंत्र खातिर लड़ाई लड़ रहल बानी. खालि नेते खाई त हिसाब कमे के बनी. लोकतंत्र पूरा आवते हिसाब के गड़बड़ी दूर हो जाई. रउरे समुझाईं आर्मी वालन के, आईएसआई वालन के. हमार त सुनबे ना करऽ सन. आ रउरे देखीं, हिसाब किताब का चलते हमरा कतना सुने के पड़त बा. वइसे हमार निहोरा बा कि ई हिसाब किताब जांचे के काम हिन्दुस्तान के सीबीआई के सँउप दीहिं. सुनले बानी कि ओहिजा जवन हिसाब जाला बीस पचीस साल का पहिले बाहरे ना निकल पावे.

खामोश जरदारी, एह मामिला में इंडिया, सीबीआई कहाँ से आ गइल ? इंडिया हमरा से भीख ना मांगे, तू मांगे लऽ. हमरा भीख के हिसाब चाहीं.

ओबामा जी, रूल के बात बा. भीख के आडिट ना कइल जाला.

बाकिर जरदारी, हमरो देश में दिक्कत बा. तोहरा के भीख कइसे दे दीं ?

ओबामा जी, अब रउरा देश का वजह से हम काहे संकट झेलीं. भीख देबे में कई गो देश अइसहीं आनाकानी करे लगिहन त हमार त बहुते बड़ रकम फँसि जाई. वइसहूं रूल इहे बा कि भीख के आडिट ना होखे.

सांचे कहत बाड़ऽ जरदारी जी, भीख के आडिट कतहूं ना होला. बाकिर ई बतिया ओबामा जी बूझस तब नू..


आलोक पुराणिक जी हिन्दी के विख्यात लेखक व्यंगकार हईं. दिल्ली विश्वविद्यालय में वाणिज्य विभाग में प्राध्यापक हईं. ऊहाँ के रचना बहुते अखबारन में नियम से छपेला. अँजोरिया आभारी बिया कि आलोक जी अपना रचनन के भोजपुरी अनुवाद प्रकाशित करे के अनुमति अँजोरिया के दे दिहनी. बाकिर एह रचनन के हर तरह के अधिकार ऊहें लगे बा.

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