अभय त्रिपाठी

बनारस, उत्तर प्रदेश

धारावाहिक कहानी

गमछा पाड़े

आज हम रउरा लोगिन के परिचय गमछा पाड़े से करावे चाह रहल बानी. छपरा सिवान के खून अउरी बनारसी माटी के सोन सुगंध लिहले एक अईसन चरित्र जेकर वर्णन कईऽल ओतने मुश्किल जेतना कि हथेली पर दही जमावल आ समझला पर ओतने आसान जेतना कि तेज छुरी से माखन काटल. तऽ उनकरा बारे में सुने से अच्छा बा कि रउआ लोगिन धीरे धीरे पढ़ीं जा अउरी समझे के कोशिश करीं जा. लोगन के बीच में गमछा पाड़े के नाम से मशहूर आ ओही नाम से बोलावल पसंद करेले. सनीमा अउरी जासूसी सीरियल देखत देखत खुद के जासूस माने लगले आ एगो नेताजी के शरण में जाके प्राईवेट जासूसी करे के लाईसेंस जुगाड़ लिहले. सीरियल के भूत सवार रहे से बिना सेक्रेटरी के आफिस खोले के कल्पना भी ना कर सकत रहुवन बाकि मन माफिक लेडी सेक्रटरी ना मिलल तऽ मोहल्ला में गोबर पाथे वाला ठलुआ के आपन सेक्रेटरी अउर चपरासी दुनू बना लिहले. जुगाड़ करके घरवे में आफिस भी खोल लिहले बाकि आफिस खोले के चक्कर में मेहरारु से अनबन भी खूब भईऽल. बाकि घर में आफिस तबे खुलल जब पाड़ेजी, मालकिन से वादा कईऽले कि ठलुआ पहिले घर के काम करी फिर आफिस के.

अउरी ए तरह से गमछा पाड़े के आफिस के शुरुआत हो गईऽल. ठलुआ दिन भर घर के काम में बिजी रहे लागल आ पंडितजी कस्टमर खोजे मे. बाकि पंडितजी के जूता, चप्पल, गदहा आ कुकुर खोजे से बड़ काम ना मिलल आ उहो टेस्टिंग खातिर फ्री में करे के पड़ल. कमीशन आ दू जून खाना पर काम करे खातिर तैयार भईऽल ठलुआ के मुफत मे घर के काम कईऽल अखरे लागल. गोबर गनेश रहे बाकि एतनो ना कि मुफत मे काम करे लागे. बाकि पंडितजी ओकरा के केहु ना केहु तरे हर बार मना ही लेत रहन कि अब सब ठीक हो जाईऽ. भोले बाबा के पुजारी गमछा पाड़े के दिन भी आखिर आ ही गईऽल आ बिलाईऽ के भागे छींका टूटे वाला कहावत सही हो गईल. बात ई भईऽल कि मोहल्ला के एगो बड़ आदमी के मौत हो गईऽल आ पुलिस मामला हल ना कर पावत रहे बाकि पंडित जी अपना सिनेमाईऽ बुद्धि से मामिला के ५ दिन में हल कर दिहलन जबकि पुलिस खातिर ईऽ मौत एगो पहेली बुझउऽवल बन के रह गईऽल रहुवे.

का रहे रहस्मय मौत के साच आ पंडितजी कइऽसे कातिल तक पहुँचले इऽ किस्सा सिलसिलेवार बतावल जाईऽ हर मंगलवार से छोटा छोटा टुकड़ा में. जईऽसे जईऽसे गमछा पाड़े शहर में पापुलर होत जईहें वइऽसे वइऽसे रउऽआ लोगिन भी उनकरा से परिचित होत जाईऽब बाकि ई काम तबहीं हो सकेला जब कम से कम एक प्रतिक्रया हमरा के साईऽट पर जरुर मिले ताकि हमरा के ई लागे कि केहु बा जे गमछा पाड़े के बारे में जाने चाहत बा.