ईहे कौनो कम बा

डा॰कमल किशोर सिंह

ज़ाड तूड़े हाड़, चले हवा सनासन बा,
बाहर बर्फ उज्जर, जइसे ढक्कल कफन बा.
छटकेला पाँव, गाड़ी, राह दुरगम बा.
सुकुडल बिल्ली.चुहा बिलिया में बन्न बा.
चिडिया-चुरुन्ग सभ सधले आपन दम बा.
रउआ बानी संगे त, हमरा कौन गम बा.
बोरसी ना सेराईल अभी चुल्हवो गरम बा
लिटी, चोखा, तिलकुट‍चुरा, दहिवओ जमल बा.
नया चाउर आईल घरे, पुअरो पड़ल बा.
रउए बताई तनि, ईहे कौनो कम बा.


रिवरहेड, न्यूयार्क