इहे अरमान बा

डा॰कमल किशोर सिंह

नाम बा किशोर कमल, देश सूरीनाम बा,
सिरीमान रउरा के सादर परनाम बा.
दादाजी कहेलें उनकर देश हिन्दुस्तान बा,
दादा गाँव देखि आईं, इहे अरमान बा.

दादा हमार कहेलें कि जहां उन्हकर गाँव बा,
उहवाँ ना रेलवे ना बस ठहराव बा.
पाँच मील पैदल चले अपने पाँव बा,
दादा गाँव देखि आईं, इहे अरमान बा.

रहिया में रहट, कुआँ, पोखरा, तालाब बा,
बरगद, पीपर, कदम, नीम छाँव बा.
फसल भरल सब खेत खलिहान बा,
दादा गाँव देखि आईं, इहे अरमान बा.

आमवा, महूअवा के चारो ओरि बगिया,
इमली, जामुन , बेर, गूलर के गछिया,
लबनी लटकवले ठाढ़ ताड़ के कतार बा,
दादा गाँव देखि आईं, इहे अरमान बा.

गाँव के बहरवा बा छठिया पोखरवा,
जहां होला गाँव के तमाशा त्योहरवा,
मानव मवेशी के जहाँ विश्राम बा,
दादा गाँव देखि आईं, इहे अरमान बा.

एक ओरि धोबी घाट, कबर समसान बा,
दूसर ओरि खेलकूद अखाड़ा, मैदान बा,
माटी मले रोज जहाँ सब पहलवान बा,
दादा गाँव देखि आईं, इहे अरमान बा.

बिना बेंच कुरसी के एगो इसकूल बा,
धूलवा में फुले जहाँ गउवां के फूल बा,
पठन पाठन के कुछ सीमिते सामान बा,
दादा गाँव देखि आईं, इहे अरमान बा.

उहवाँ नाडागदर, ना नर्स अस्पताल बा,
दवा दारु दुर्लभ, सुद्ध पनियो मोहाल बा,
जहवाँ पे जिनिगी भरोसे भगवान बा,
दादा गाँव देखि आईं, इहे अरमान बा.

काका काकी, दादा दादी बात बेवहार बा,
गाँव लागेला जइसे एगो परिवार बा.
बाकी जातपात छूआछूत प्रथा कुछ पुरान बा,
दादा गाँव देखि आईं, इहे अरमान बा.

गोबर लीपल द्वार, सब माटी के माकन बा,
भीतिया पे गोल गोल गोईंठा के निशान बा,
बगले में बेल गाय भैंस के बथान बा,
दादा गाँव देखि आईं, इहे अरमान बा.

अगवा एगो परदादा के दलान बा,
जानअनजान जहाँ सभे मेहमान बा,
होली, चइत, रामायन, होला जहाँ गान बा,
दादा गाँव देखि आईं, इहे अरमान बा.

सब घर कोठिला में भरल अनाज बा
घरनी गावेली ढेंका जाँतवा के साज बा,
कुटाला पीसाला जब अनजा पिसान बा,
दादा गाँव देखि आईं, इहे अरमान बा.

जेठ दुपहरियामें चलेला लहरिया,
तवा जस तपे जब खेतवा बधरिया,
आमवा के बाग बाकि लागे गुलजार बा,
दादा गाँव देखि आईं, इहे अरमान बा.

गरजत चमकत आवेला असढ़वा,
गगन से गिरे जइसे चँदिया के धारवा,
जीव जन्तु धरती में आवे नया जान बा,
दादा गाँव देखि आईं, इहे अरमान बा.

पगहा तूड़ाई भागे गईया भँईसिया,
चरे खातिर चारो ओरि लहलह घसिया,
समहुत के सोटा लेके निकले किसान बा,
दादा गाँव देखि आईं, इहे अरमान बा.

आवते सवनवा रोपाये लागे धनवा,
गउवां में गूंजे लागे रोपनी के गनवा,
धरतीपे चढ़े जइसे नया परिधान बा,
दादा गाँव देखि आईं, इहे अरमान बा.

झूलवा झूलेले सब गउवां के बिटिया,
मिलीजुली गावे सब कजरीके गीतिया,
एक झुण्ड पोखरा में होला असनान बा,
दादा गाँव देखि आईं, इहे अरमान बा.

शोभेला शरदवा में धरती आकाशवा,
होखेला विभिन्न त्योहार आ तमशवा,
लोग जन पशु पक्षी लगे खुशहाल बा,
दादा गाँव देखि आईं, इहे अरमान बा.

आवते दशहरवा कोड़ाये ला अखड़वा,
कसरत कुश्ती होला बाजे नगड़वा.
मठिया में उठे नया झण्डा हनुमान बा,
दादा गाँव देखि आईं, इहे अरमान बा.

मटिया के ढिबरी मे घीउवा के बतीया,
घरे घरे जरेला दिवलिया के रतिया.
मचे धूमधाम मिले मेवा मिष्ठान बा.
दादा गाँव देखि आईं, इहे अरमान बा.

घर घाट जगमग छठिया के रतिया,
गूंजेला मधुर गीत मन में भगतिया,
निर्धन धनवान सभे बनते पकवान बा,
दादा गाँव देखि आईं, इहे अरमान बा.

जड़वा में धानवा ले आवे सरगरमी,
बाहर किसान व्यस्त, घरवा में घरनी,
सूते खातिर घरवा में पड़ल पुआर बा,
दादा गाँव देखि आईं, इहे अरमान बा.

हरियर नीला पीला लागेला बधरिया,
गेहूँ बूंट फूले तीसी सरसो खेसरिया,
बइर अमरूद मीठ लागे रसदार बा.
दादा गाँव देखि आईं, इहे अरमान बा.

फूले मधुमसवा में अमवा पलशवा,
महुआ चुवेला मीठ ऊँखिया के रसवा,
राग सराबोर लागे बुढ़वो जवान बा,
दादा गाँव देखि आईं, इहे अरमान बा.

मदन भरल लागे चइत बयरिया,
पियराइल गदराइल खेतवा बधरिया,
खेत खलिहान लागे सोनवा के खान बा,
दादा गाँव देखि आईं, इहे अरमान बा.


रिवरहेड, न्यूयार्क