Noor Alam Badshah

Doha, Qatar

देखऽ सखी तीज के लहर फेरु आ गइल

लाल पियर हरिहर रंग से दुनिया रंगा गइल,
देखऽ सखी तीज के लहर फेरु आ गइल.

नारी खातिर होला ई बहुत बड़ पर्व.
पति खातिर कइल ब्रत होला अपने में गर्व.
पार्वती के तपस्या सब नारिए में आ गइल.
देखऽ सखी तीज के लहर फेरु आ गइल.

पुश्तन से आ रहल, महत्त्व एकर अनमोल बा.
भादो चढ़ते चारू ओर बजल एकर ढोल बा.
खाइल, पियल, नाचल, नइहर के पहर आ गइल
देखऽ सखी तीज के लहर फेरु आ गइल.

कुवांरियन के भोला शिव जइसन वर मिले,
विवाहितन के फूल जइसन घर खिले.
दिल आज हमार सबका ला दुआ कर गइल,
देखऽ सखी तीज के लहर फेरु आ गइल.

बरिस बरिस दिनवा पर आवेला ई आँगन में,
पिछला सारा तीत मीठ भुलाई जाला लोगन में.
हँसी ख़ुशी सारा गाँव शहर हो गईल
देखऽ सखी तीज के लहर फेरु आ गइल.

तीज के तीनो दिन एकर बड़ा महातम,
शुक्ल द्वितीय, तृतीय, सप्तऋषि जेकरा नाम.
पूरा कइला के बाद पाव से सर हो गइल.
देखऽ सखी तीज के लहर फेरु आ गइल.

लाल पियर हरिहर रंग से दुनिया रंगा गइल,
देखऽ सखी तीज के लहर फेरु आ गइल.


दीदी तु माई के मन मत रोवइहs

दीदी तू माई के मन मत रोवइहs
अबकी तीज में नइहर जरूर अइहs

हम बानी परदेश में, तू बाड़ू देश में
भाई त ना आ पाई, तू जइहs रेस में
बिरह में डूबल माई के तन मत गलइहs
अबकी तीज में नइहर जरूर अइहs

हमनी फलल फूलल, माई घर में बिया बीमार
सुख दुःख में साथ दिहs इहे बा निहोरा हमार
राह जोहत होखी माई आस, निराश मत करीहs
अबकी तीज में नइहर जरूर अइहs

मुश्किल में पड़ जाला जीवन बेमतलब के प्रचार से
समाज भी दूर हो जाला अपना दुनिया जहान से
अपना आस्था के धरोहर हिले मत दिहs
अबकी तीज में नइहर जरूर अइहs

दीदी तू माई के मन मत रोवइहs
अबकी तीज में नइहर जरूर अइहs


नूर आलम बादशाह,
मुकाम : कोतवाली ९, जमनिया बारा, नेपाल
हाल दोहा कतार से

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