Noor Alam Badshah

Doha, Qatar

जूता

बुश पर बरसनी याद रखीहs
तोहरा पर न पड़े, फरियाद करीहs
अब त आदत हो गईल छरपे के
पड़ गइल गलती से त माफ़ करीहs.
 
सारा दुनिया में चर्चा आम हो गइल
बहादुर खुलेआम शर्मनाम हो गइल
प्रयोग भईल स्वागत में उनका
जूतो के अब बड़का नाम हो गइल.
 
कुछ जूतो बड़ा अजीब होला
कबो दूर त कबो नजदीक होला
नया में रोज पालिश से सफाई
पुरान में गरीब के नसीब होला.
 
पहिरऽ गोड़ में एके हथियार समुझ के
दुश्मन के पिटाई करी बुश के यार समुझ के
समय समय पर काम आई ई
मत फेंकीहऽ कचरा बेकार समझ के.


नूर आलम बादशाह,
मुकाम : कोतवाली ९, जमनिया बारा, नेपाल
हाल दोहा कतार से

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