गजल

कुछ त रियायत होई

शिवानन्द द्विवेदी सहर

अबहिं हम चुप बानी त एके गनीमत समझऽ
जुबां जे खुल गइल हमार त आजुवे क़यामत होई !
बड़ी बेरहम हऽ ई कमबख्त जबान हमार
जे गर सच बयाँ कर दे त पहिले तोहरे शिकायत होई !
जो हम सच नइखी बोलत त तू समझ लीह
एकरा खातिर भी तोहरे हिदायत होई !
लालच में बानी सुनि के कि तोहार कफ़न के दूकान बा
त चलऽ ज़नाजा क समय कुछ त रियायत होई !

शिवानन्द द्विवेदी सहर, सुपौत्र श्री नन्द लाल दुबे, ग्राम + पोस्ट - सजावं, थाना - लार, जिला - देवरिया (यू. पी.)
वर्त्तमान पता :
शिवानन्द द्विवेदी,
इ - १० , दूसरा तल्ला
साउथ एक्स. पार्ट -१ , नयी दिल्ली