केहू का डर से ना, शान से जायेम स बिहार
....कहलन रवि किशन.
बिहार में फिल्म सिटी बनावे के बिहार सरकार के फैसला के भोजपुरी सिनेमा के सुपर स्टार रवि किशन स्वागत कइले बाड़न आ एह फैसला खातिर ऊ मुखंयमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा आ फिल्मकार प्रकाश झा के बधाई दिहले बाड़न.
केरल का बियाबान जंगल में अभिषक बच्चन आ एश्वर्या राय का साथे मणिरत्नम के फिलिम रावण का शूटिंग में लागल रवि किशन अपना प्रचारक उदय भगत का मार्फत खबर भेजववले बाड़न. रवि किशन का मुताबिक बिहार में फिल्म सिटी बनावे के मामला तीन साल से विचाराधीन रहल हा. आठ महीना पहिले पटना में ईटीवी का कार्यक्रम सबसे बड़ा बिहारी कौन एवार्ड समारोह का दौरान शत्रुघ्न सिन्हा रविकिशन के बतवले रहलें कि एक साल का भीतरे बिहार सरकार एह पर फैसला ले लीहि. ओह घरी जमीन के अधिग्रहण पूर्व सर्वे चलत रहुवे.
रविकिशन एह बात से साफे इन्कार कइलन कि मुंबई में भोजपुरी फिल्म उद्योग के लोग डेराइल सहमल बा. कहलन कि मुंबई के फितरते अइसन बा कि कवनो बात के समर्थन भा विरोध ढेर दिन ले चलिये ना सके. छोट मोट बात त हर इलाका में होत रहेला.
रविकिशन शूटिंग से लवटि के मुख्यमंत्री से भेंट करीहन आ उनुका के व्यक्तिगत रूप से आपन शुक्रिया कहिहन. रवि किशन पूरा भोजपुरी फिल्म उद्योग से कहले बाड़न कि इंडस्ट्री के भलाई खातिर एकजुट होखल जरुरी बा. बेमतलब के बयानबाजी आ कवनो काम के सेहरा अपना मूड़ी पर बान्हे के अबहीं वक्त नईखे, मिलजुल के काम करे के समय बा ई.
मुंबई में मराइल राहुल राज आ लोकल ट्रेन में मराइल धर्मदेव राय का परिवार जन का प्रति ऊ आपन संवेदना प्रकट कइले बाड़न.
मनोज तिवारी के मेहनत काम आ गईल.
बिहार में बनी २०० करोड़ के स्टूडियो.
पिछला कुछ समय से मनोज तिवारी कोशिश करत रहलन कि भोजपुरी फिल्म उद्योग खातिर बिहारे यूपी में स्टूदियो लगावल जाव. ओकरा खातिर ऊ दुनू राज्यन के सरकारन का लगे निहोरा कईलन रहलन. पता चलल बा कि बिहार सरकार उनुकर निहोरा सुन लिहलसि आ पटना से ४० किलोमीटड़ दूर राजगीर रोड पर २०० एकड़ जमीन अधिगृहित कर के ओहिजा २०० करोड़ रुपिया के लागत से स्टूडियो बनावल जाई.
इहो पता चलल बा कि एह स्टूडियो के निर्माण खातिर एगो कमेटी बनावल जाई आ मुख्य अधिकारी बिहार के कवनो आईएएस के बनावल जाई.
कुछ दिन पहिले भोजपुरी के कलाकारे लोग का तरफ से विरोध के आवाज उठल रहे कि ऊ लोग मुंम्बई छोड़ के ना जाई आ ऊ लोग मुंम्बई से भोजपुरी सिनेमा के केन्द्र हटावे के आलोचन कइले रहे. तमिल तेलुगू बंगला हर भाषा के फिल्म केन्द्र ओहि राज्यन में बाड़ी स जहां के ऊ भाषा हऽ. फेर भोजपुरी फिल्म केन्द्र अगर बिहार भा यूपी में बने त ओकर विरोध काहे. आ बिहार यूपी में स्टूदियो बनला के ई मतलब थोड़े बा कि केहू मुम्बई में भोजपुरी फिलिम ना बना सकी.
हम भागब ना, मुंबईये में डटल रहब, कहले निरहुआ
ना केहू का डर से
ना कवनो मजबूरी में.
कह दे तानी ए बबुआ हम
प्यार करब भोजपुरी से.
कुछ दिन पहिले मनोज तिवारी भोजपुरी फिल्मोद्योग के लखनऊ भा पटना में पुनर्स्थापित करे का विचार से यूपी के संस्कृति मंत्री से भेंट कइले रहले आ चरचा चल निकल बा कि भोजपुरी फिल्मोद्योग के मुंबई से हटा के कतहीं दोसरा जगहा स्थापित कईल जाव.
एह बात से असहमत दिनेशलाल निरहुआ साफ कहले बाड़े कि कुछुवो हो जाव, ऊ मुंबई ना छोड़िहन. मुम्बइ केहू के ना हऽ, सभकर हऽ. भारत के कानून हर हिन्दुस्तानी के पूरा देश में कतही जा के कमाये खाये रहे के अधिकार दिहले बा आ ई अधिकार केहू छीन ना पाई.
दिनेशलाल के एह बात से कवनो विरोध नईखे कि यूपी बिहार में इंडस्ट्री बसावल जाव, ओहिजा के लोगन के नौकरी रोजगार दिहल जाव. विरोध बा त एह से कि मुंबई के छोड़ दिहल जाव. कहलन कि कहवाँ कहवाँ से छोड़ल जाई ? आजु मुंबई के बाति हो रहल बा, काल्हु कोलकाता छोड़े के बात होखी, परसो केही लखनऊ से बिहारियन के भगाई. हालात ई हो जाई कि आदमी अपना टोला मोहल्ला गाँव में बन्द हो के रहि जाई.
निरहुआ साफे कहलन कि हमनी के दुर्दशा के जिम्मेदार केहू दोसर नईखे आपने लोग बा जे हमनी के एह हालात मे चहुँपा दिहल आ आजु हमनी के शुभचिन्तक बनि के लड़ाई का आग में घीव डालऽता. ऊ लोग मन से चहा देव त दू दिन में सगरी समस्या खतम हो जाई बाकिर ना, मकसद त बा कि लड़ाके हमनी के वोट लूट लेव लोग.
दिनेश लाल यादव निरहुआ कहलन कि जरुरत बा कि हमनी का अगिला चुनाव में समझ बुझ के वोट डाली जा. जाति धरम सम्प्रदाय क्षेत्रीयता का नाम पर वोट माँगे वालन के दुत्कार दिहला के जरुरत बा.
एगो रहे सेमल के पेड़, ओह पर रहे तीन गो काँट. दू गो टूटले टाटल, एगो के पते ना रहे. जवना के पता ना रहे ओहमें बनल तीन गो गड़हा. दू गो सुखले साखल एगो में पानिये ना रहे. जवना में पानिये ना रहे ओह में रहले तीन गो कोहार. दू गो लूल्हे लांगड़ एगो के हाथे ना रहे. जवना के हाथे ना रहे ऊ बनवलसि तीन गो हँड़िया. दू गो फुटले फाटल एगो में पेंदिये ना रहे......... कहानी लमहर बा. रउरो सभ के ईयाद होखि.
सम्पादक