पुरवईया महोत्सव २००९

Logo of Purvaiya

भोजपुरी लोककला, संस्कृति, आ सभ्यता के विकास खातिर बनावल गईल लखनऊ के सांस्कृतिक सामाजिक संस्था पुरवईया २७ से २८ मार्च दू दिन के सांस्कृतिक समारोह आयोजित कईले बिया. कार्यक्रम लखनऊ दूरदर्शन केन्द्र का सामने बलरामपुर गार्डेन में आयोजित बा. एह समारोह में शामिल होखे खातिर देश विदेश के भोजपुरी मनीषी, कवि, साहित्यकार, कलाकार आ नामी गिरामी हस्तियन के नेवता पठावल गईल बा.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारत में मारीशस के राजदूत मुखेवर चूनी रहिहन. पी.डब्लू.डी के चीफ इंजीनियर त्रिभवन राम कार्यक्रम के अध्यक्षता करीहन.

सांस्कृतिक कार्यक्रम में पार्श्व गायक विनोद राठौर, पारम्परिक लोक गायिका मालिनी अवस्थी आ दोसरो कलाकारन के गायब वादन होखी.

Artists of Purvaiya Mahotsava

पुरवईया के महासचिव हरिकेश निषाद से मालूम भईल कि एह कार्यक्रम में कुछ लोगन के सम्मानित करे के भी योजना बा जवना में खास कर के दि सण्डे इण्डियन पत्रिका के भोजपुरी संस्करण के संपादक ओंकारेश्वर पाण्डे के नाम बा. समापन भाषण यूपी विधानसभा के अध्यक्ष सुखदेव राजभर करीहन.

रउरो सभे सादर आमन्त्रित बानी समारोह में शामिल हो के संस्था के उत्साहवर्धन करे खातिर.


स्रोत : एगो अग्रसारित इमेल से मिलल जानकारी से


मन के पीर

एगो बात हम बार बार नोटिस करीले कि भोजपुरी के विकास में लागल लोग इन्टरनेट से पूरा परिचित ना रहला का वजह से कुछ खासे लोग के सूचना दे के अपना कर्तव्य के इतिश्री मान लेबेले. इन्टरनेट पर जमाना से चलत आ रहल भोजपुरी भाषा में पहिलका वेबसाइट अँजोरिया के एगो सूचनो देबे के जरुरत ना महसूस होखे ओह लोग के. शायद एह चलते कि हम कवनो गुटबन्दी में शामिल ना होखीं आ सभकरा साथे चले के कोशिश करेनी. भोजपुरी का काम में लागल हर संस्था के चाहीं कि भोजपुरी के जतना भी वेबसाइट बाड़ी स, सभका के सूचित कर देव लोग, आमन्त्रित करे भा मत करो. हम त वइसहूं कवनो सभा समारोह में शामिल होखे से दूर रहीलें. बाकिर अबले केहू ना कह सके कि हम ओकरा काम के स्वागत नइखी कइले भलही लोग बाद में हमरे कबर खोदे में जुट जाव. भोजपुरी के राजनीति से मन अतना भरल बा कि रोकतो रोकत मन के पीर सामने आईये जाला.
अगर रउरा जानकारी में भोजपुरी सरोकार से जुड़ल कवनो आदमी, संस्था, भा समारोह का बारे में जानकारी मिले त अँजोरिया के जरुर सूचित करीं ताकि हम अपना पाठकन का साथ ऊ जानकारी बाँट सकी. हम छोटे सही बाकिर कुछ लोग हमरो से जुड़ल बा आ रउरे लेखा अँजोरिया के नियमित पाठक बा.
संपादक