बिहार के विकास खातिर बिहार उत्थान आन्दोलन

- रश्मि सिन्हा

आज बिहार पिछडल राज्यन में गिनल जाला काहे कि बिहार साँचहू पिछड़ल बा. एहिजा रोजगार के साधन कम बा, एह चलते एहिजा के नवयुवक दुसरा राज्यन में जाले आ पिटालें. कुछ महीना पहिले महाराष्ट्र में बिहारी लड़िकन का साथे जवन भइल तवन केहू के अलोता नइखे.

का केहू कबो ई समुझे के कोशिश कइलसि कि आज बिहार काहे पिछड़ल बा? राजनीतिक कारण छोड़ दिहल जाव तबो का हमनी का कोशिश कइनी जा कि चलीं बिहार के प्रगतिशील राज्य बनावल जाए ?, 'ना!'

एगो कहावत कहल जाला कि जबे जगनी तबे भोर, त आं आ हमनी का एकजुट हो के 'बिहार उत्थान आन्दोलन' में शामिल हो जाइल जाव.

ई आन्दोलन एगो प्रयास हऽ जवना के गाँवे-गाँव पहुँचावे के बा. हर गाँव के जगावे के बा, अपना के अतना ताकतवर बनावे क बा कि हमनी के लड़िकन के फेर कबो दोसरा राज्य में जा के मार खाये के ना पड़ो.

केहू त शुरुआत करे. हमनीका अगर कवनो मसीहा क आवे क इन्तजार करम जा कि ऊ आई आ हमनी के दुख दरद हर ले जाई त अइसनका नइखे होखेवाला! एहसे उठल जाव आ एह आन्दोलन से जुड़ जाइल जाव एह आन्दोलन से. हमनीका एह आन्दोलन क तहत कुछ कार्यक्रम चलावल चाहत बानी जा जवना में रउरा सभे के सहजोग मिलल जरुरी बा.

  • 1. गाँव में बिजली क समस्या ख़तम करे खातिर सोलर एनर्जी के उपयोग.
  • 2. इंधन के समस्या ख़तम करे खातिर गोबर गैस के उपयोग.
  • 3. बेरोजगारी के समस्या खतम करे खातिर स्वरोजगार योजना का तहत अचार, पापड़, आ बड़ी के लघु उद्योग आ मुलायम खिलौना बनावे खातिर घरेलू उद्योग लगावल.
  • 4. पॉँच दस गाँवन क मिलाके दुग्ध उत्पादक समिति के निर्माण (अगर गुजरात में अमूल हो सकेला त बिहार में अइसने कुछ काहे ना?.
  • 5. जैविक खेती, मसाला क खेती आ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियन के खेती, जवना लायक बिहार के जमीन सही बा, के बढ़ावा दिहल.

एकरा अलावे अगर रउरो लगे कवनो सुझाव बा त हमनी के जरूर बताईं. एह योजनन के हमनी का स्वयं सेवी संस्था क माध्यम से पूरा करल चाहत बानी जा, एकर राजनीति से कवनो लिहलदिहल नइखे. बिहार में काम कर रहल स्वयंसेवी संस्थान के विचार एह दिसाईं सादर आमंत्रित बा.

'जय बिहार!, जय हो!'