भोजपुरिया दर्शकन का दिल पर छा गइल सेनूर
भोजपुरी के रोजाना टीवी सोप सेनूर सफलता के एगो रिकार्ड बनवले बा. एह धारावाहिक के टीआरपी दोसरा कवनो धारावाहिक से बेसी बा. २१ दिसम्बर से सोमार से बियफे ले रोज रात आठ बजे से प्रसारित होखेवाला ई धारावाहिक अपना पहिलके एपिसोड से दर्शकन के प्यार बटोरे में सफल रहल बा.
मनीष जैन के निर्माण आ निर्देशन में बनल सेनूर धारावाहिक के खासियत बा कि एहमें ठेठ भोजपुरिया कलाकार काम कर रहल बाड़े. एकर शूटिंगो बनारस आ ओकरा अगल बगल में भइल बा. एकर कहानी कुछ अइसन बा कि एगो महिला जवना के ना त कबो शादी भइल ना कबो केहू से प्यार कइलस तबो ऊ विधवा बिया. साथही सेनूर जीते खातिर ओकर लड़ाई देखे लायक बा. एकर पहिलके एपिसोड देख के केतने मेहरारू रो पड़ली आ अगिलका एपिसोड के इन्तजार करे लगली.
निर्माता निर्देशक मनीष जैन के कहनाम बा कि दोसरा भौजपुरी धारावाहिकन पर सेनूर के भारी पड़ल वाकई हमरा आ पूरा यूनिट खातिर खुशी के बात बा. एकर मुख्य कलाकार बाड़े अमित राय, स्वीटी दत्तानी, सचिन श्रीवास्तव, पूजा राय, रवि पाण्डेय, आलोक वर्मा, गणेश पण्डित, तेजबहादुर, मिकी, आ डा॰ वीणा सहाय. तकनीकि टीम में कैमरामैन प्रदीप एम गुप्ता, कला निर्देशक नंदू डांडेकर, संपादक आ ग्राफिक डिजायनर पीटर गुंनद्रा. गीत आ कहानी तनवीर आलम के लिखल ह. पटकथा जीतेन्द्र गुप्ता लिखले बाड़े आ संगीतकार हउवें शेखर शर्मा.
पिछला दिने एकर एक दिन के शूटिंग मुंबई में होखेवाला रहुवे आ जब ओकर बोलावा मिलल त चँउकल स्वाभाविक रहे. काहे कि एकर अधिकतर शूटींग त बनारस आ ओकरा आसपास भइल बा. शूटिंग देखे जब मलाड के अवतार बंगला चहुँपनी सँ त देखनी जा कि गाँव के मनोरम सेट लागल बा. देख के विश्वासे ना होत रहुवे कि पूर्वांचल के कवनो गाँव के आभास देत ई सेट मुंबई में लगावल गइल बा. एक ओर घर के सदर दरवाजा, बाहर लागल चौकी, ओह पर बिछावल सफेद चादर आ लाल मसनद. बीच में तुलसी चौरा जवना में लहलहात तुलसी के पौधा लागल रहे, आ ओह पर राखल पीतल के लोटा. आंगन में एगो बड़हन पेड़ का नीचे कैमरा, कलाकार, निर्देशक, आ स्पाट ब्वाय. ओह दिन के शॉट रहे कि कहानी के नायक के चाचा जे अपना दोसर शादी करे बेरा अपना आन्हर बेटी पूनम के छोड़ दिहले रहे, आ बाद में जेकर लालन पालन ओकर भाई कइले रहे, अपना भाई से आपन बेटी माँगे आवत बा आ भाई देबे से मना कर देत बा.
स्रोत : शशिकान्त सिंह आ रंजन सिन्हा