रविकिशन के पन्ना

राम राजा के नगरी ओरछा

Ravi Kishan : Baadshah of Bhojpuri Cinema

सभे भोजपुरियन आ भोजपुरी के हित चाहे वाला लोगन के रविकिशन शुक्ल के प्रणाम. साल २००८ के अलविदा करके हमनी २००९ में प्रवेश कर चुकल बानी जा. आशा बा कि रउरो सभे साल के पहिलका महीना में साल के नीँव मजबूत करे में लागल होखम. जहाँ तक हमार सवाल बा, हम एहू साल मुंबई से दूरे रहब. हमार वय्स्तता पिछलके साल लेखा बनल रहे के उमेद बा. आजु हम रउरा सभे के एगो अइसनका जगहा का बारे में चर्चा करे जा रहल बानी जवना के सांस्कृतिक महत्व बहुते बा. मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जिक्र आवते हमनी का आयोध्या याद आ जाला, बाकिर एगो आउरी जगहा बा जे भगवान राम के राजधानी का रूप में जानल जाला.

हम अबहीं मणि सर के फिलिम रावण के शूटिंग में लागल बानी जवन झांसी का लगे एगो छोटहन पर्यटक स्थल ओरछा में हो रहल बा. सांच पुछीं त हम दुनिया में अइसनका बहुते कम जगहा देखेल बानी जहाँ के आबोहवा अतना सुकून देबे वाला बा. नदी के कलकल धारा जइसन ध्वनि एहिजा का वातावरण में चारो तरफ पसरल बा. बुन्देलखण्ड के ई छोटहन पर्यटक स्थल सालो भर घुमिहार लोगन से भरल रहेला.लोगन के चेहरा हमेशा खिलल रहेला आ बुझाला जे सभे हर तरह के चिन्ता फिकिर से मुक्त बा. विदेशिओ घुमिहार लोग खूबे बा एहिजा. चारो तरफ आध्यात्म के माहौल बा. अइसनका माहौल में शूटिंग के का मजा होला से ८०० आदमी के पूरा यूनिट उठा रहल बा. ना त सूरज के गरमी बा ना ही अन्हार. मणिरत्नम सर कतना पारखी बाड़े आ लोकेशन चुने के कतना क्षमता उहां में बा एकर अहसास हमरा तीन महीना में उनुका साथे अलगा अलगा लोकेशन पर शूटिंग करत में हो गइल बा. हमनी का सबसे पहिले कोच्ची का पास घन जंगल में शूटिंग के शूरुआत कइनी जा. ओहिजा दिनो में रात लेखा अन्हार पसरल रहत रहे, ओह पर से सांप बिच्छू जोंक वगैरह जानवरनके डर अलगा से. लेकिन मणि सर के व्यवस्था का सुरक्षा में शूटिंग निमना से निपट गइल. अपनो देश में अइसनका लोकेशन बा हम त सोचलहूं ना रहीं. दक्षिण अफ्रीका के दृश्य आजुकाल्ह अधिकतर हिन्दी फिलिमन में आम बात हो गइल बा, आ कुछ वइसनके दृश्य एहुजा के बा. हमार दावा बा कि रावण रिलीज भईला का बाद सभकर धेयान एह लोकेशन का ओरि जाई.

राम राजा के नगरी ओरछो वइसनके खूबसूरत जगहन में से बा. एहिजा के वातावरण के जिकिर त हम अबगे कर चुकल बानी, अकर इतिहासो ओतने रोचक बा. कहल जाला कि ओरछा के राजा रानी भगवान राम के परम भक्त रहे लोग आ ओह लोग के दिली तमन्ना रहे कि भगवान राम ओहिजा आ के ओहिजा के राजपाट सम्हार लेसु. ओह लोग का बेर बेर के निहोरा का बादो भगवान राम ओहिजा आ के स्थायी रूप से रहे के तईयार ना रहलन.

ऋषि मुनि लोग राह सुझावल कि ओ लोग राजा राम के मूर्ति अपना राज में स्थापित कर देस लोग बाकिर शर्त लगा दिहल लोग कि ई प्रतिमा जहवें रखा जाई तहवें भगवान राम स्थापित हो जईहन. ओरछा के महारानी शर्त मंजूर कर लिहली आ मूर्ति लेके चल पड़ल लोग. आठ महीना तक ओह मूर्ति के बिना कहीं रखले ऊ लोग अपना महल ले चहुँप गईल. बाकिर अहिजा अति उत्साह में तनी चूक हो गईल. आम औरतन का तरह ढेर दिन बाद अपना महल में घुसली त सीधे रसोईघर में चल गइली आ मूर्ति के ओहिजे राख दिहली. तब से ले के आजु ले राम राजा के मूर्ति ओहिजे स्थापित बा. आजुवो परंपरागत रूप से राम राजा के रोजाना चार बेर सलामी दिहल जाला आ ई सलामी ठीक वइसहीं होखेला जइसे कि गार्ड आफ अनर दिहल जाला. देश के राष्ट्रपतिओ एहिजा आवेले त उनुका के सलामी ना दिहल जाला. एहिजा के रीत देख के हम बहुते प्रभावित भईनी. रावण के पूरा यूनिटो खातिर ई एगो नया अनुभव बा. मणि से के पाठशाला में हर केहू अनुशासित रूप से आपन आपन काम अंजाम दे रहल बा. बुझात बा जे हमनी का कवनो जंग में आइल बानी जेकर सेनापति मणी सर हऽवें आ लक्ष्य बा रावण. अगिला महीना ले एकर शूटिंग पूरा हो जाई आ हमरा पूरा उमेद बा कि एह फिलिम से हमार कैरियर आउरी उपर उठी.

चलत चलत इहो बता दीं कि हमरा होम प्रोडक्शन के पहिलका फिलिम बिहारी माफिया अगिला महीन रिलीज होखे जा रहल बा. ओकरा बाद भूमिपुत्र, रंगबाज दारोगा, खटअईलाल मीठअईलाल सहित आधा दर्जन फिलिम रिलीज होखिहन स. सफलता के परचम लहरावत बिदाई के पूरा यूनिट आ बिहारवासियन के हम शुक्रगुजार बानी. राम राजा के नगरी ओरछा से रविकिशन शुक्ल रउरा सभे के प्रणाम कर रहल बा.

राउरे,
रविकिशन


१२ जनवरी २००९ के मिलल