बृजमोहन प्रसाद अनारी

This collection of lyrics of Brijmohan Prasad Anari was awarded Rahul Sanskrityayan Puraskar, the highest award for a Bhojpuri work, by Hindi Sansthan, Uttar Pradesh for the year 2004 in year 2007. This award carries a cash prize of Rs, Fifty Thousands too.

भसुरु के देखि घूघ तानेली भवहि जँहवा

(लय - बिदेसिया )

बरिया में कुँहुँकेली कारी कोइलरिया से
खेतवा में झरे हीरामोती रे बटोहिया.

पुरुवा आ पछुवा उतरही दखिनही में
चानवा सुरुज छींटे जोती रे बटोहिया.

भसुरु के देखि घूघ तानेली भवहि जँहवा
बइठेली चूहानी लीपि पोति रे बटोहिया.

धनिया जगावे अलसाइले उठेले पिया,
करे गोरुआरि भूसा गोति रे बटोहिया.

निरमल मन जइसे गंगा जी के जल होखे,
खालें कमा लें अपना होती रे बटोहिया.

अँइठेलें मोंछि जइसे बरछी के नोखि होखे,
झारेले अनारी कुरुता धोती रे बटोहिया.

अनारी जी के परिचय

नावबृजमोहन प्रसाद
उपनावअनारी
जे जनमावलस्व॰ बाबू केदार नाथ प्रसाद
माईश्रीमती जगेश्वरी देवी
जे पिठँइयाँ ढोवलबड़का भइया धनराज प्रसाद
बात माने वाला बबुआ लोगअजीत, सुजीत, सत्येन्द्र, केशरी कुमार
राह जोहे वाला बबुनी लोगश्रीमति कुसुम, श्रीमति लालसा, श्रीमती राजप्रभअ, कु॰ आशा, कु॰ ललिता
सोझबक घरनीश्रीमती प्रजावती देवी
पेशाकवि, रचनाकार, गवैया, सहायक अध्यापक जूनियर हाई स्कूल, आकाशवाणी आ दूरदर्शन कलाकार, गोरखपुर.
रचनाएँआसरा के दियना, जिनगी के थाती, लहरात तिरंगा
पुरस्कार आसरा के दियना पर हिन्दी संस्थान, उत्तर प्रदेश से २००४ के राहुल सांस्कृत्यायन पुरस्कार.
जिनगी के थाती पर हिन्दी संस्थान, उत्तर प्रदेश से २००३ के भिखारी ठाकुर सर्जना पुरस्कार.
पता ठेकानाकुम्हियाँ, भरखरा, बलिया
सम्पर्क सूत्र+91 94 50 95 35 45, +91 98 38 32 69 44

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