Noor Alam Badshah

Doha, Qatar

लेखक के परिचय

आदमी के सौख अलग अलग किसिम के होला ! केहु के डॉक्टर, इंजीनियर, पायलट बने के त केहुके नेता, अभिनेता, पत्रकार, साहित्यकार बने के ! केहु के आमिर बने के सौख होला त केहु के कुछ आउर बने के सौख होला ! कुछ सौख अइसन भी होला जे आदमी के राष्ट्रिय स्तर पर ही न बल्कि अंतराष्ट्रीय स्तर में भी चर्चित बनादेवेला ! सौख के दुनिया में से हम एक अइसन सौख के बारे में बतावे जा रहल बानी, जे सुनके राउर दिल से इहे आवाज निकली कि ई भी कवनो सौख ह ? लेकिन बात हकीक़त ह ! नेपाल में एक जमाना अईसन भी रहे, जहाँ बिना लाइसेंस के रेडियो सुनेके ना मिले ! अभी के जैसन आईफोन, यूट्यूब जैसन ना बल्कि संतोष आ नेशनल नाम के काठ आ अलमुनियम के बर्तन से हावा में गुन्जल आवाज सुनके आदमी मनोरन्जन करस ! जी, हम बात कर रहल बानी १९७० के दशक के रेडियो सौखीन शेख अब्दुल करीम के जेठ पुत्र नूर आलम बादशाह के सौख के बारेमे जे बिगत दश बरिस से सैकडो रेडियो के प्रमुख श्रोता के रूप में तहलका मचावत आरहल बाडन !

सन १९७९ में बारा जिल्ला नेपाल के एक छोट गावं जमुनिया में जनमल नूर आलम बादशाह के परिवार ग्रामवासी किसान भईला से गावं के हर अनुभव से परिचित बाडन ! कक्षा एक से दश तक गावं के नजिक के स्कूल श्री राम चरित्र हाई स्कूल जयनगर चिउटाहाँ ( बारा ) में पढ़ल नूर आलम बादशाह आई एड वीरगंज नेपाल के ठाकुर राम बहुमुखी क्याम्पस में पुरा कईलन ! बचपन से परिवार के साथ रहन सहन भईला से उनकरा खातिर परिवार के बिशेष महत्व बा ! बाबुमाई के आशीर्वाद आ दु छोट भाई के दुवा से बढ़ भाई नूर आलम बादशाह बचपन से गीत संगीत खातिर कुछ करे के सपना सजावत जवान भईल बाडन ! उनकर पढाई शुरू से अच्छा बहुत अच्छा रहे साथ में खेलकूद प्रति भी बिशेष रूचि भईला से फुटबॉल के कार्नर आ क्रिकेट के फास्ट ओपनर बॉलर के रूप में अपन घरेलु टीम में परिचित बाडन ! कड़ा मेहनत करके भी पढाई में पीछा ना हटेवाला नूर आलम बादशाह अपना के ख़ुद बाबुमाई के सेवक बतावेलन !

आई एड कईला के बाद एक्टिंग के सपना पुरा करे के क्रम में ट्रेनिंग खातिर काठमांडू पुग्लन ! ट्रेनिंग पुरा कईला के बाद कुछ समय घर पर ही बितावे के परल ! उहे फुर्सद के समय में अचानक रेडियो प्रति झुकाव इतना न बढ़ल कि आज रेडियो सुनेवाला हर श्रोता के मन में नूर आलम बादशाह के नाम बस चुकल बा !

तराई से लेके काठमांडू तक के रेडियो में हि ना बल्कि देश से बाहर के रेडियो अल इंडिया, बिबित भारती, रेडियो सीलोन, रेडियो पाकिस्तान, रेडियो खर्स्यांग, गोरखपुर, पटना, लखनऊ, आकाशवाणी, बीबीसी, रेडियो चाईना, रेडियो जर्मनी, वाइस अफ अमेरिका, रेडियो जापान, लगायत अन्य देशी तथा बिदेशी रेडियो के श्रोता पंक्ति में अगाडी बाडन ! बिभिन्न रेडियो स्टेशन में अन्तर्वार्ता देचुकल आ सैकडो ईनाम जित चुकल नूर आलम बादशाह उहे क्रम में साहित्य के ओर हाथ बढ़ईलन ! आज उनकर जे भी रचना बा उ सब रेडियो के देन ह यानि उहाके अपन साहित्यिक गुरु के रूप में रेडियो के ही मानेलन !

ई परिवर्तनशील समय में आदमी कब, कवना मोड़ में पहुचजाई, ख़ुद मालूम ना होला ! आदमी के जिनगी त बस में सफर करेवाला एक बटोही के जैसन बा जे जगह जगह पर उतरत रहेला आ ई स्वाभाविक भी काहेसे आदमी कभी भी एक जगह रहेके ना चाहेला तबे त कबो कहाँ त कबो कहाँ पुगत रहेला ! जिनगी के दुसरका नाम संघर्ष ह ! जिनगी जिये खातिर नूर आलम बादशाह भी बहुत संघर्ष कर रहल बाडन ! कहल जाला सुख छुपावल आसान बा लेकिन दुःख छुपावल बहुत मुश्किल ! उहाँ के भी ई अनुभव भईल बा ! आजतक के सफर में नूर आलम बादशाह बहुत ही तित मीठ घटना भोगचुकल बाडन !

परिवार के जेठ पुत्र आ जिमवारी जादा भईला से बचपन के सपना, सपना ही बनाके परिवार के खुशी खोजे के क्रम में अपन प्राण से भी प्यारा देश नेपाल माई के कोख से बहुत दूर आज क़तर में संघर्ष कर रहल बाडन ! समय अनुसार परिवर्तन होखे के प्रयास आ प्रगति चाहल सब के अपन अधिकार बतावत ख़ुद के समाजिक आ आर्थिक रूप में सम्पन्न होखल सही आ सान्दर्भिक बिषय ह ! जेकरा के पुरा करे खातिर संघर्षरत नूर आलम बादशाह अपन गंतव्य ( मुकाम ) तक एक दिन जरुर पहुचिहन कह के बिश्वाश राखत सात समुन्दर पार से भोजपुरी साहित्यिक यात्रा में भी लागल बाडन ! उनकर लेख, रचना, गीत, ग़ज़ल, कविता, शायरी बिभिन्न रेडियो वेबसाइट तथा पत्र पत्रिका में सामिल होचुकल बा !

करीब से नूर आलम बादशाह,/strong>

  • दुलरुवा नाम----------------नूर भाई, रूस्तम
  • जन्म स्थान-----------------जमुनिया बारा नेपाल
  • परिवार-----------------------बाबुमाई, भाई कासिम, शलीम
  • पेशा-----------------------गीत संगीत, साहित्य
  • मनपसंद खाना-----------साधारण
  • मनपसंद नेटवर्क---------भोजपुरिया
  • मनपसंद साहित्यकार---मोतीराम भट्ट, भानुभक्त, लक्ष्मी प्रसाद देवकोटा
  • मनपसंद गायक----------महमद रफी, अज़ीज़, नारायण गोपाल, लता, कल्पना
  • मनपसंद गीत-------------मूड अनुसार
  • मनपसंद परब-------------ईद, बकरीद, दशहरा, छठ
  • कमजोरी-------------------केहु पर जल्दी बिश्वाश
  • दिन के शुरुवात----------नमाज़ से
  • पुरस्कार-------------------रेडियो नेपाल, रेडियो वीरगंज, नारायणी एफएम, गढ़ीमाई एफएम, हेटौडा एफएम, मनकामना एफएम, अध्यात्म ज्योति एफएम, ई. सी. आर. एफएम, हिट्स एफएम, मेट्रो एफएम, आकाशवाणी, सिवाका गीतमाला ( अमीन सयानी ) से
  • पता ठेकाना -- कोतवाली -९, जमुनिया जिल्ला बारा नेपाल
  • संपर्क सूत्र-------------noorzen@gmail.com
    --- ---------nooralambaadshah@yahoo.com


नूर आलम बादशाह,
मुकाम : कोतवाली ९, जमनिया बारा, नेपाल
हाल दोहा कतार से

email: noorzen@gmail.com

Mobile: 00974 5590258